दुनियां – कौन हैं प्रबोवो सुबियांतो? जो बने सबसे बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्रपति – #INA

प्रबोवो सुबियांतो ने रविवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. जिसके बाद वह दुनिया की तीसरे सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता बन गए हैं. प्रबोवो इंडोनेशिया सेना के जनरल रह चुके हैं, उनके ऊपर सैन्य तानाशाही के काले दिनों के दौरान मानव अधिकारों के हनन के भी आरोप हैं.
73 साल के पूर्व रक्षा मंत्री ने सांसदों और 40 से ज्यादा देशों से आए विदेशी मेहमानों के सामने शपथ ली. शपथ इंडोनेशिया की परंपरा के हिसाब से इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान के साथ ली गई है.
स्कूल में बच्चों को मुफ्त खाना और शिक्षाओं को बेहतर करने की अपनी नीतियों के बाद उन्होंने इस चुनाव में जीत हासिल की है. प्रबोवो ने 14 फरवरी को लगभग 60 फीसद वोट के साथ चुनाव जीता था और पिछले नौ महीनों में उन्होंने एक मजबूत संसदीय गठबंधन बनाने पर काम किया है.
ताकतवर परिवार से आते हैं प्रबोवो सुबियांतो?
प्रबोवो का जन्म 17 अक्टूबर 1951 को इंडोनेशिया के जकार्ता में हुआ था. वह इंडोनेशिया के सबसे शक्तिशाली परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता सोमित्रों जोजहादिकुमो देश के बड़े अर्थशास्त्री और नेता थे, जिन्होंने सुकर्णों और सोहार्तों के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान सरकार के कई अहम मंत्री पदों पर काम किया. उनकी मां मैरी सिरेगर एक हाउस वाइफ थी, लेकिन वह भी नीदरलैंड से सर्जिकल नर्सिंग की पढ़ाई कर देश वापस आई थी. बैंक नेगारा इंडोनेशिया BAI के संस्थापक भी प्रबोवो के दादा माग्रोनो ही थे.
राजनीतिक सफर
1974 में प्रबोवो इंडोनेशिया की सेना में शामिल हुए और सेना के जनरल तक का सफर तय किया. 2008 में उन्होंने गेरिंड्रा पार्टी की स्थापना की और 2014 में इसके अध्यक्ष चुने गए. 25 अक्टूबर 2023 को प्रबोवो ने गेरिंड्रा के नेतृत्व वाले ऑनवर्ड इंडोनेशिया गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया और फरवरी में चुनाव जीतने के बाद रविवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बन गए हैं.
जकार्ता की सड़को पर कड़ी सुरक्षा
शपथ समारोह के दौरान इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. विदेश मेहमानों और प्रबोवो की सुरक्षा के लिए राजधानी की सड़कों पर करीब एक लाख पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. प्रबोवो के शपथ लेने के बाद उनके समर्थक जकार्ता की सड़कों पर जशन मना रहे हैं.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button