दुनियां – तुर्किए के सबसे बड़े और पुराने दुश्मन कुर्द कौन हैं? देते रहे हैं जख्म – #INA
तुर्किए की राजधानी अंकारा बुधवार शाम गोलियों और धमाकों से दहल गई. दो आतंकी, जिसमें एक महिला आतंकी भी शामिल थी, तुर्किए एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज TUSAS अंकारा पर हमला करते हुए 5 लोगों की जान ले ली और 22 लोग घायल हुए. इस हमले की तुलना 2008 में हुए मुंबई के 26/11 हमले से की जा रही है. सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में देखा जा सकता है, कैसे हमलावर एक कार से आकर एयरोस्पेस इंडस्ट्री के गैट पर उतरे और लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी.
इस हमले के पीछे कुर्द संगठनों का हाथ बताया जा रहा है. तुर्की के गृह मंत्री ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (KPP) और वामपंथी रिवोल्यूशनरी पीपुल्स लिबरेशन पार्टी पर शक जताया है. हालांकि, अभी किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
कुर्द संगठन तुर्की की आजादी से ही एक अलग कुर्द देश की मांग कर रहे हैं और देश में तख्तापलट की साजिश भी रच चुके हैं. तुर्की सेना और कुर्द अलगाववादियों की लड़ाई में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं. तुर्की के गृह मंत्री येर्लिकाया ने हमले के बाद जानकारी दी कि दो आतंकियों को मार गिराया गया है और स्पेशल TUSAS के आसपास के क्षेत्रों की ड्रोन से निगरानी रख जा रही है.
आतंकियों के ठिकानों पर हमले
हमले के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन ने कहा, “हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा.” जिसके बाद तुर्की फाइटर जेट्स ने पड़ोसी देश सीरिया और इराक में 30 से ज्यादा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है. 2015 में तुर्की और PKK के बीच शांति प्रक्रिया टूट गई थी और उसके बाद से समूह और उसके सहयोगियों ने कई हमले किए हैं.
इसी समय तुर्की सेना ने अपनी सीमा से लगे इराक और सीरिया क्षेत्र में विद्रोहियों को खत्म करने के लिए अभियान चलाया था. जिसमें नागरिकों की जान जाने के भी आरोप तुर्की सेना पर लगे हैं.
कौन है तुर्की के पुराने दुश्मन कुर्द?
कुर्द एक एथ्निक समूह है, जो खासतौर से मिडिल ईस्ट के चार देश- तुर्की, इराक, ईरान, और सीरिया में पाए जाते हैं. कुर्द की अपनी अलग भाषा (कुर्दिश) और संस्कृति है. तुर्की में कुर्दों की संख्या लगभग 20 फीसद है, तुर्की में कुर्दों का संघर्ष बहुत पुराना है. कुर्दों ने दशकों से तुर्की के साथ अपने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी है.
तुर्की सरकार कुर्दों की इस मांग को एक सुरक्षा खतरे के रूप में देखती है और इसकी मांग उठाने वाली पार्टी PKK (कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी) को देश में आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है. तुर्की सरकार पर कुर्द भाषा और संस्कृति को कुचलने का भी आरोप लगता रहा है, जो संघर्ष को और जटिल बनाता है.
कैसे लिया वामपंथी विचारधारा ने चरमपंथ का रूप?
PKK का गठन 1978 में अब्दुल्लाह ओकलान ने तुर्की में कुर्दों के लिए राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकार प्राप्त करने के मकसद से किया था. शुरू में ये समूह मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा पर चलता था और धीरे धीरे इसने एक राष्ट्रवादी आंदोलन का रूप ले लिया.
समूह ने 1984 में कुर्द आजादी के लिए लड़ते हुए सशस्त्र विद्रोह शुरू किया, जिसके बाद से अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. PKK लड़ाके अक्सर गुरिल्ला युद्ध की रणनीति का इस्तेमाल कर तुर्की सैन्य और नागरिक स्थलों को निशाना बनाते रहते हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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