दुनियां – उज्बेकिस्तान में आम चुनाव के लिए मतदान पूरा, राष्ट्रपति मिर्जियोयेव की सत्ता पर पकड़ मजबूत – #INA
उज्बेकिस्तान में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान हुआ. इस चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ कोई विरोध नहीं है. माना जा रहा है कि देश की जनता एक बार फिर राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ जाने की तैयारी कर रही है. मिर्जियोयेव ने 2016 में मध्य एशिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश का कमान संभाला था. इस दौरान उन्होंने देश में काफी लोकप्रियता भी हासिल की है.
इस चुनाव में राष्ट्रपति मिर्जियोयेव के खिलाफ कोई वास्तविक विपक्ष नहीं है. जबकि उनके शासन के दौरान हाल ही में चुनावी व्यवस्था में बड़े बदलाव हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने आर्थिक सुधारों और राजनीतिक, धार्मिक और मीडिया की आजादी पर पिछली सरकार की सख्त पाबंदियों में भी ढील दी है. वहीं इन सभी नीतियों के जरिए मिर्जियोयेव एक बार फिर सत्ता पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं.
मिर्जियोयेव के राष्ट्रपति पद का कार्यकाल बढ़ना तय
उज्बेकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति मिर्जियोयेव 37 मिलियन की आबादी वाले देश में काफी लोकप्रिय हो गए हैं. उन्होंने लंबे समय तक तानाशाह रहे इस्माइल करीमोव की कठोर दमनकारी नीतियों को बदल दिया है. मिर्जियोयेव ने कुछ राजनीतिक कैदियों को रिहा किया है. मीडिया और ब्लॉगर्स को मुक्त किया है. साथ ही उन्होंने पिछली सरकार द्वारा इस्लाम पर लगाए गए सख्त नियंत्रण को भी कम किया है.
वहीं पिछले साल अप्रैल में उन्होंने चुनावी व्यवस्था में बड़े बदलाव किए थे. साथ ही उन्होंने दूसरे देशों के चुनाव आयोग से समन्वय स्थापित कर स्वच्छ मतदान की नींव को आगे बढ़ाया. इसमें भारत भी शामिल है. दो दिन पहले भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी ताशकंद का दौरा किया. वहीं, इन सब बातों के चलते उनके राष्ट्रपति पद का कार्यकाल बढ़ना तय लग रहा है. अगर ऐसा होता है तो मिर्जियोयेव साल 2037 तक पद पर बने रह सकते हैं.
विपक्ष भी मिर्जियोयेव का विरोध नहीं करता
मिर्जियोयेव की कैबिनेट द्वारा तैयार किए गए कानूनों का संसद शायद ही कभी विरोध करती है. जबकि अधिकार समूहों का कहना है कि उज्बेकिस्तान में हजारों लोग झूठे आरोपों में कैद हैं. 2022 में मिर्जियोयेव की सरकार ने दावा किया कि उसने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया है, जिसे अधिकार समूहों ने जबरन मजदूरी के बराबर करार दिया था.
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उज्बेकिस्तान ने मिक्स्ड चुनावी प्रक्रिया अपनाई है, जिसके तहत उसके 150 सांसदों में से आधे पार्टी लाइन पर चुने जाएंगे जबकि बाकी आधे व्यक्तिगत रूप से चुने जाएंगे. हालांकि, रविवार के मतदान में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवारों को देश की पांच पार्टियों ने नामित किया है. पार्टियों के बीच मतभेदों के बावजूद, कोई भी मिर्जियोयेव का विरोध नहीं करता दिख रहा है. चुनाव अधिकारियों के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक 47% से अधिक मतदाताओं ने मतदान कर दिया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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