दुनियां – ईरान ऐसे लेगा इजराइल और US से बदला, बनाया खतरनाक खूनी प्लान – #INA
ईरान-इजराइल से हमले का बदला लेगा. ये 100 फीसदी तय है, लेकिन इस बार ईरान सिर्फ इजराइल से ही नहीं बल्कि अमेरिका से भी प्रतिशोध लेगा. ईरान और उसके प्रॉक्सी अरब में मौजूद अमेरिका के सैन्य बेस को समाप्त करने वाला सैन्य अभियान लॉन्च करने जा रहे हैं. ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसियों को जो इनपुट मिला है, उससे खामेनेई और उनकी सेना के खतरनाक और खूनी प्लान का खुलासा हुआ है.
इस प्लान के मुताबिक, ईरान सिर्फ इजराइल पर मिसाइलों से ही धावा नहीं बोलेगा, बल्कि इजराइल के बाहर मौजूद इसके ठिकानों पर ब्लास्ट कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक, ईरान ने इजराइल के साथ साथ अमेरिका को भी जख्म देने का प्लान बनाया है. ईरान इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर सकता है. अमेरिका और यूरोप में इजराइल के दूतावास पर खतरा मंडरा रहा है. अरब में मौजूद अमेरिकी सैन्य बेस पर भी हमला कर सकता है.
इसका मतलब ये हुआ कि ईरान एक साथ इजराइल और अमेरिका के खिलाफ तीन फ्रंट खोलने जा रहा है. अमेरिका और यूरोप में हमले को देंगे अंजाम ईरान के स्लीपर सेल और फिदायीन हमलावर. ईरान ने कई देशों में मौजूद अपने स्लीपर सेल को सक्रिय कर दिया है. फिदायीन हमलावरों को भी काम पर लगा दिया गया है. इजराइल के अंदर मौजूद आत्मघाती हमलावरों को VVIP लोगों को मारने का टास्क सौंपा गया है, जबकि इजराइल के बाहर स्लीपर सेल को इजराइली दूतावास को उड़ाने की जिम्मेदारी दी गई है.
तेल अवीव में कुचलकर इजराइली सैनिकों को मारा
ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्ट पर मुहर इस वक्त लग गई, जब तेल अवीव में आत्मघाती हमले शुरू हो गए. इजराइली सेना ने ईरान में जबरदस्त हवाई हमले किए. इजराइल में ईरान के फिदायीन हमले शुरू हो गए. तेल अवीव में एक ट्रक ड्राइवर ने ट्रक से कुचलकर इजराइली सैनिकों को मारने की कोशिश की.
ये घटना तेल अवीव में ग्लिलॉत सैन्य बेस के पास हुआ. शक है कि ईरान के आत्मघाती हमलावर ने बेस के पास मौजूद सैनिकों पर ट्रक चढ़ा दिया. इस हमले में करीब 10 सैनिकों की मौत हो गई. 50 से ज्यादा जवान घायल हैं. कई सैनिकों की हालत गंभीर है इसलिए मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. इजराइली सैनिकों ने ट्रक ड्राइवर को गोली मारकर मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया.
अमेरिका और यूरोपीय देश भी टारगेट पर
इस हमले के बाद इजराइली सिक्योरिटी एजेंसियां हाईअलर्ट हो गई हैं. इजराइल में मौजूद ईरान के स्लीपर सेल को ढूंढ जा रहा है. तेल अवील में जो कुछ हुआ, उसे ईरान के फिदायीन हमले की शुरुआत माना जा रहा है. आने वाले दिनों में ईरान के स्लीपर सेल सिर्फ इजराइल में ही नहीं बल्कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी हमला करेंगे. इनके टारगेट पर इजराइली दूतावास हैं.
ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, ईरान के स्लीपर सेल अमेरिका, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, इटली, फ्रांस, ग्रीस, तुर्किए, बेल्जियम, डेनमार्क, सऊदी अरब, जर्मनी और स्वीडन में मौजूद हैं. इसका मतलब ये हुआ कि इन देशों में इजराइली दूतावास और अमेरिकी ठिकानों पर हमले हो सकते हैं. पूरी दुनिया में ईरानी स्लीपर सेल का ये जाल ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी ने बिछाई थी. कासिम सुलेमानी ईरान के कुद्स फोर्स के मुखिया थे. अमेरिका ने साल 2020 में उनकी हत्या कर दी थी.
ईरानी स्लीपर सेल को कौन देता है फंड?
दुनिया भर में फैले ईरानी स्लीपर सेल और फिदायीन हमलावरों को ईरान की कुद्स फोर्स ही मैनेज करती है. फंडिंग से लेकर उन्हें हर जरूरी चीज कुद्स फोर्स ही मुहैया करवाती है. सुलेमानी के मारे जाने के बाद कुद्स फोर्स को इस्माइल कानी हेड कर रहे हैं. अब जबकि ईरान ने कई देशों में इजराइल और अमेरिका के खिलाफ हमले का फैसला किया है तो कानी अपने काम पर लग गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक तेहरान में मौजूद अंडरग्राउंड बंकर से कानी स्लीपर सेल को आदेश दे रहे हैं. हमले के लिए उन्हें टारगेट बता रहे हैं. इसका मतलब ये हुआ कि इजराइल और ईरान युद्ध का सबसे खतरनाक और खूनी चरण शुरू होने जा रहा है. इस चरण का नाम है-आत्मघाती हमला. इजराइल और अमेरिका पर अब बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है. अगर इस खतरे को नहीं टाला गया, तो ईरान और उसके स्लीपर सेल इजराइल के साथ साथ अमेरिका को भी बहुत बड़ा जख्म दे देंगे.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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