दुनियां – जर्मन नागरिक को फांसी पर चढ़ाकर फंस गया ईरान…जर्मनी ऐसे दे रहा ‘जुर्म’ की सजा – #INA
जर्मन नागरिक जमशेद शर्महद को फांसी देने के मामले में ईरान और जर्मनी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को जहां जर्मनी ने तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला दिया था तो वहीं गुरुवार को जर्मन सरकार ने तीन ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का आदेश दिया है.
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बैरबॉक ने बताया है कि सरकार ने फ्रैंकफर्ट, हैम्बर्ग और म्यूनिख में ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का फैसला लिया है. इसके बाद ईरान का बर्लिन में केवल अपना दूतावास ही रह गया है. जर्मन-ईरानी नागरिक जमशेद शर्महद को फांसी दिए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है.
IRGC के खिलाफ बड़े एक्शन की मांग
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि शर्महद की फांसी ने बर्लिन और तेहरान के बीच राजनयिक संबंधों पर काफी दबाव डाला है. जर्मनी ने ईरान की इस कार्रवाई का विरोध जताते हुए पहले ही तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है और औपचारिक तौर पर ऐतराज भी जताया है.
इसके अलावा विदेश मंत्री एनालेना बैरबॉक ने गुरुवार को यूरोपियन यूनियन (EU) से ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को आतंकवादी संगठन के तौर पर लिस्ट में शामिल करने की अपील की है. इससे पहले 2019 में अमेरिका ने IRGC को आतंकवादी संगठन घोषित किया था और इस सूची में शामिल होने वाला नवीनतम देश कनाडा था.
जमशेद शर्महद को क्यों दी गई फांसी?
जमशेद शर्महद एक जर्मन-ईरानी नागरिक थे, उनका जन्म 1955 में तेहरान में हुआ था, लेकिन वह जर्मनी के पश्चिमी शहर हैनोवर में पले-बढ़े. शर्महद के पास ईरान और जर्मनी की दोहरी नागरिकता थी. 2007 में जब वह सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहे थे तो एक साइबर अटैक के दौरान उनका एक ऐसी वेबसाइट से कनेक्शन सामने आया जो ईरान सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती थी.
जमशेद शर्महद का ईरान के साथ-साथ अमेरिका से भी गहरा नाता रहा है, वह लंबे समय तक अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में रह चुके हैं. ईरान का दावा है कि 2008 में एक मस्जिद में हुए आतंकी हमले की साजिश शर्महद ने ही रची थी, इस हमले में 14 लोग मारे गए थे.
वहीं आरोप है कि ईरानी सुरक्षा बलों ने 2020 में जमशेद शर्महद को दुबई से किडनैप कर लिया और उन्हें तेहरान लेकर आ गए. साल 2023 में उन्हें करप्शन ऑन अर्थ के आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद 28 अक्टूबर को ईरान ने उन्हें फांसी पर लटका दिया.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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