दुनियां – दक्षिण सूडान में बाढ़ से हालत गंभीर, लाखों लोग प्रभावित, मलेरिया की भी मार – #INA

मई में दक्षिणी सूडान में भारी बारिश ने पूरे देश को तबाह कर दिया, हर जगह जलमग्न हो गई. लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. बाढ़ ने घरों, मवेशियों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि बाढ़ के कारण करीब 3 लाख लोग विस्थापित हुए हैं और मलेरिया के मामलों में वृद्धि के कारण स्थिति और भी चिंताजनक हो गई.
दुनिया के सबसे युवा देश के रूप में साउथ सूडान इन दिनों जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो गया है. यह दशकों से भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है, खासकर अपने उत्तरी इलाकों में. मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया कि बाढ़ से 43 काउंटियों में लगभग 14 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. विवादित अबयेई क्षेत्र, जिस पर सूडान और साउथ सूडान दोनों दावा करते हैं, में भी जन-धन की भारी हानि हुई है.
क्लाइमेट चेंज ने किया बर्बाद
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, “जोंगलेई, यूनिटी, अपर नाइल, उत्तरी बह्र अल ग़ज़ल, मध्य इक्वेटोरिया और पश्चिमी इक्वेटोरिया” राज्य सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. इनमें मलेरिया के मामलों में भी वृद्धि देखी गई है. अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस फेडरेशन के अनुसार, साउथ सूडान मई 2024 से भारी वर्षा और नील नदी के किनारों में असंतुलन के कारण बाढ़ का सामना कर रहा है. पिछली बाढ़ से अभी साउथ सूडान पूरी तरह उबर नहीं पाया था कि दूसरी बाढ़ ने इसे और बर्बाद कर दिया. हाल के वर्षों में साउथ सूडान जलवायु परिवर्तन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यूनीसेफ के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में जारी रिपोर्ट में बताया गया था कि हर साल बाढ़ से 7,50,000 से अधिक लोग प्रभावित होते हैं.
लाखों बच्चे कुपोषण से है शिकार
आजादी के बाद से ही साउथ सूडान को हिंसा, आर्थिक अस्थिरता, सूखा और बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार, साउथ सूडान में सात मिलियन से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं और 1.65 मिलियन बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. सितंबर में राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा 2018 के शांति समझौते में सहमत संक्रमणकालीन अवधि के एक और विस्तार की घोषणा के बाद देश को राजनीतिक पंगुता के एक और दौर का सामना करना पड़ रहा है. चुनाव अब दिसंबर 2026 तक स्थगित कर दिए गए हैं. साउथ सूडान में तेल संसाधन होने के बावजूद, फरवरी में पड़ोसी सूडान में संघर्ष के कारण निर्यात पाइपलाइन के क्षतिग्रस्त होने से राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी नष्ट हो गया.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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