Minimum Wage: पाकिस्तान में गरीबी मिटाने के लिए न्यूनतम 2.80 लाख रुपए महीना वेतन देने की मांग… लाहौर हाई कोर्ट में याचिका
एडवोकेट फहमीद नवाज अंसारी ने लाहौर हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी याचिका स्वीकार की जाए और सरकार को पाकिस्तान में न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 1,000 डॉलर करने का आदेश दिया जाए। अंसारी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सभी प्रांतों के मुख्यमंत्रियों को मामले में प्रतिवादी बनाया है।
HighLights
- वकील ने लाहौर हाई कोर्ट में दायर की याचिका
- हाई कोर्ट में गुरुवार को अहम सुनवाई संभव
- साल-दर-साल गरीबी से जूझ रहा पाकिस्तान
एजेंसी, लाहौर (Pakistan News)। पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट में एक वकील ने याचिका दायर कर पूरे मुल्क में न्यूनतम भत्ता बढ़ाने की मांग की है। एडवोकेट फहमीद नवाज अंसारी का दावा है कि यदि पाकिस्तान में सरकार न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 1000 डॉलर देती है, तो देश के गरीबी मिट जाएगी।
बुधवार को याचिका दायर की गई, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होना है। पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 37,000 पाकिस्तानी रुपया न्यूनतम वेतन तय किया गया है। 1000 डॉलर प्रतिमाह करने का मतलब होगा कि इस राशि को बढ़ाकर 2.80 लाख पाकिस्तानी रुपए प्रतिमाह कर देना।
याचिकाकर्ता ने दी यह दलील
वकील फहमीद नवाज अंसारी ने याचिका दायर करते हुए दलील दी कि आजादी से पहले पाकिस्तान एक ब्रिटिश उपनिवेश था और उसने न्याय प्रणाली सहित ब्रिटेन के अधिकांश कानूनों को भी अपनाया था।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि पाकिस्तान में भी वेतन-भत्ते अमेरिका और ब्रिटेन के बराबर होना चाहिए। 1000 डॉलर प्रति माह की न्यूनतम मजदूरी से नागरिकों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और इससे देश में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
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सौजन्य से jagran. com
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