दुनियां – सेना हटाने के बाद पहली बार मिलेंगे भारत-चीन के मंत्री, लाओस आसियान शिखर सम्मेलन पर सबकी नजर – #INA

LAC पर डिसेंगजमेंट के बाद पहली बार भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात होने वाली है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने चीनी समकक्ष डोंग जून से इस बाबत मुलाकात करने वाले हैं. राजनाथ सिंह लाओस में 20 नवंबर से शुरू होने वाले दो दिवसीय 10-राष्ट्रों के आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान डोंग जून से मुलाकात करेंगे. दोनों देशों के लिए यह बैठक बेहद अहम समझी जा रही है. पिछले महीने ही पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाएं पीछे हटी थीं. जिसके बाद भारत के देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में दोबारा गश्त शुरू कर दी गई.
बीते चार सालों में भारत और चीन ने जहां पूर्वी लद्दाख में 50,000 से ज्यादा सैनिक और हथियारों को तैनात किया वहीं दूसरी तरफ दोनों ही देशों ने अपने-अपने हिसाब से सैन्य निर्माण किया. चीनियों ने सैनिकों और उपकरणों की तैनाती में तेजी लाने के लिए पुलों, नए ठिकानों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत काम किया. वहीं उसके मुकाबले में भारत ने भी LAC के पास सड़कों, पुलों और एयरबेस का निर्माण कार्य किया.
चीन पर भरोसा करना मुश्किल
पूर्वी लद्दाख में डिसंगजमेंट को लेकर बनी सहमति के बाद भले ही सेनाएं पीछे हटीं लेकिन उसके बाद भी दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे को लेकर कमांडर लेवल की बातचीत होती रहती है. क्योंकि चीन की कथनी और करनी में काफी फ़र्क रहता है. इसलिए भारत पूर्वी लद्दाख में LAC के पास अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता.
पैंगोंग झील के पास भारत बनाएगा टनल?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत लद्दाख में केला दर्रे से होकर 7-8 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग बना सकता है. यह सुरंग 18,600 फीट की ऊंचाई पर बनाई जा सकती है. केंद्र सरकार ने लेह को पैंगोंग से जोड़ने का मन बना लिया है. इसका प्रस्ताव लद्दाख के यूटी प्रशासन को दिया गया है.
लद्दाख प्रशासन का एक्शन
इस सुरंग के बनने से भारतीय सेना की मूवमेंट में तेजी आएगी. जरूरत पड़ने पर आसानी से डिप्लॉयमेंट किया जा सकेगा. इस सुरंग के बनने में करीब में करीब 6,000 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है. इसके निर्माण को लेकर केंद्र सरकार बैठक कर चुकी है, जल्द ही इस प्रस्ताव पर फैसला होने की संभावना है.
इससे पहले लद्दाख प्रशासन ने दो साल पहले खारदुंग ला, फोटू ला, नामिका ला और केला में चार दर्रों पर नई सुरंगों की जरूरत बताते हुए एक रोडमैप रखा था. अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इसे अमलीजामा पहनाने का वक्त नजदीक आ रहा है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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