दुनियां – पाकिस्तान: कुर्रम में हिंसा से बदतर हुए हालात, 111 की मौत, पलायन कीओरबढ़रहेलोग – #INA
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में सीजफायर को 10 दिनों तक के लिए बढ़ा दिया गया है. यहां के बहुत से क्षेत्रों में अभी भी झड़पें हो रही हैं. अभी तक कुल 111 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 88 लोग इस हिंसा में अब तक घायल हो गए हैं. कुर्रम के कई हिस्सों में हुए हमलों की अभी भी जांच की जा रही है. मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक में इस बात की जानकारी दी गई है.
दरअसल, कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई थी. शिया समुदाय का काफिला कुर्रम जिले में गुजर रहा था उसी समय सुन्नी समुदाय के लोगों की तरफ से काफिले पर हमला कर दिया. शिया की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई. 21 नवंबर को हमले के बाद से ही यहां टकराव की स्थिति बढ़ गई.
दोनों ही समुदायों के बीच विचारों और जमीन के लिए पिछले कुछ समय से तनाव की स्थिति बनी हुई थी. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, अब तक कुर्रम से कई परिवार पलायन कर चुके हैं. करीब 300 परिवारों ने हिंसा और झड़पों के डर की वजह से अपना घर छोड़ दिया है और दूसरी जगहों पर बसने को मजबूर हो गए हैं.
झगड़े का निपटारा कैसे हो?
कुर्रम में शिया और सुन्नी के विवादों के निपटारे के लिए खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा हुई. उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न सुरक्षा उपायों और दोनों संप्रदायों के बीच पहले हुए जमीन के बंटवारे और झगड़े को कैसे सुलझाया जाए इस पर भी चर्चा हुई. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि थल-सादा-पराचिनार हाईवे पर सुरक्षा बनाए रखने के लिए अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा.
2023 की जनगणना के मुताबिक, कुर्रम की 7.85 लाख आबादी में से 99% से अधिक पश्तून हैं, जो तुरी, बंगाश, ज़ैमुश्त, मंगल, मुक़बाल, मसूज़ई और पराचमकनी जनजातियों से जुड़े हुए हैं. इनमें से तुरी और बंगाश के कुछ मुसलमान शिया हैं, बाकी सभी सुन्नी हैं. पाकिस्तान के चुनाव आयोग के सामने 2018 में दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुर्रम में शिया मुसलमान जिले की आबादी का लगभग 45 प्रतिशत हैं. ये पाकिस्तान की कुल आबादी में 10-15% से ज्यादा हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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