Political – हरियाणा चुनाव में खाप कैसे करता है खेल खराब, इस बार रडार पर 3 दिग्गज नेता!- #INA
खाप पंचायत की रडार में क्यों हैं ये नेता?
हरियाणा के चुनावी संग्राम में खाप पंचायत एक्टिव हो गई है. पंचायत की रडार पर इस बार राज्य के 3 दिग्गज नेता हैं. कहा जा रहा है कि चुनाव में इन तीनों का खेल अगर बिगड़ता है तो हरियाणा की राजनीति में खाप पंचायत का दबदबा वापिस लौट सकता है. खाप एक गोत्र या समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जातियों के एक समूह को कहा जाता है.
खाप पंचायत 2014 से पहले अपने सियासी ताकत और सामाजिक संरचनाओं की वजह से सुर्खियों में रहते थे, लेकिन 2014 के बाद इन पंचायतों का सियासी रुतबा कम होता गया.
खाप की रडार पर कौन-कौन?
खाप पंचायत की रडार में इस बार हरियाणा के 3 बड़े नेता हैं. इनमें पहला नाम हिसार से सांसद जयप्रकाश का है. दूसरा नाम पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और तीसरा नाम कांग्रेस के कद्दावर नेता रघुवीर कादयान का है.
जय प्रकाश के बेटे विकास कलायत सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर बेटे के प्रचार के दौरान जेपी ने महिलाओं को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी, जिसके बाद ढुल पंचायत ने जेपी के बेटे का बहिष्कार किया है.
ढुल पंचायत की ओर से पिछले दिनों कलायत में पांच गांवों की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में फैसला लिया गया कि महिला विरोधी बयान देने वाले जेपी के बेटे को वोट नहीं दिया जाएगा.
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का खाप पंचायत के लोग खुलकर तो विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन पर्दे के पीछे से उनका भी खेल बिगाड़ने में जुटे हैं. हाल ही में 66 गांव की पंचायतों ने बैठक कर दुष्यंत के खिलाफ आजाद पलवा को मैदान में उतारने का ऐलान किया था, लेकिन आखिर वक्त में आजाद ने नामांकन वापिस ले लिया.
कहा जा रहा है कि मतदान से पहले यहां पंचायत के लोग फाइनल फैसला लेंगे कि दुष्यंत के खिलाफ किसे वोट दिया जाए?
इसी तरह खाप के रडार में रघुवीर कादयान भी हैं. बेरी से विधायक कादियान के खिलाफ आप ने अहलावत खाप समाज से आने वालीं सोनू अहलावत को उम्मीदवार बनाया है. सोनू के मैदान में आने से रघुवीर की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
खाप पंचायत कैसे करता है खेल?
बड़ा सवाल खाप पंचायत की तरफ से नेताओं के खेल खराब करने को लेकर है. दरअसल, हरियाणा की राजनीति में छोटे-बड़े करीब 150 खाप पंचायतें हैं. चुनाव के वक्त इन खाप पंचायतों का दबदबा बढ़ जाता है.
कहा जाता है कि खाप पंचायत के लोग नेताओं को जिताने से ज्यादा चुनाव हराने में अहम भूमिका निभाते हैं. कहा जाता है कि जिन उम्मीदवारों को हराना होता है, उन उम्मीदवारों को लेकर खाप पंचायत के लोग बैठक करते हैं.
बैठक में उम्मीदवार को हराने के लिए किस तरह की रणनीति बनाई जाए, इस पर फैसला होता है. फिर इसी रणनीति से उम्मीदवार को हराया जाता है.
ओम प्रकाश हारे, सोमवीर जीते
खाप पंचायत की वजह से हरियाणा में 2 बार बड़ा खेल हो चुका है. पहला खेल 1989-90 में हुआ था. केंद्र में राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार में देवीलाल डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बन गए. उन्होंने इस कुर्सी को संभालने के लिए हरियाणा के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
देवीलाल ने अपनी जगह सीएम की कुर्सी बेटे ओम प्रकाश चौटाला को सौंप दी. सीएम बने चौटाला के लिए विधायक बनना जरूरी था. देवीलाल ने इसके लिए रोहतक की महम सीट चुनी. कहा जाता है कि महम से ओम प्रकाश के चुनाव लड़ाने पर महम का खाप समाज नाराज हो गया.
समाज का कहना था कि इस सीट से आनंद दांगी को उम्मीदवार बनाया जाए. शुरुआत में देवीलाल ने इस मांग को अनदेखा किया, जिसके बाद महम खाप के लोग दिल्ली आ गए. दिल्ली में देवीलाल ने सबको आश्वासन दिया कि महम आकर इस पर बात करेंगे, लेकिन जब देवीलाल महम आए तो उन्होंने बड़ा बयान दे दिया.
देवीलाल ने एक रैली में कह दिया कि मैं महम का वहम निकालने आया हूं. देवीलाल के इस बयान नाराज होकर खाप पंचायत ने आनंद दांगी को निर्दलीय मैदान में उतार दिया. मतदान के दिन इस सीट भारी मारकाट मची. एक तरफ प्रशासन के लोग थे तो दूसरी तरफ खाप पंचायत के लोग.
मुख्यमंत्री की सीट होने की वजह से मीडिया की भी नजर थी. बूथ कैप्चरिंग की खबरें जब मीडिया में आई तो चुनाव आयोग भी हरकत में आ गया और चुनाव रद्द कराने की घोषणा कर दी. दूसरी बार फिर से यहां चुनाव की घोषणा की गई, लेकिन इस बार एक निर्दलीय उम्मीदवार की हत्या ने यहां बवाल मचा दिया. आयोग ने फिर से चुनाव रद्द कर दिया.
सरकार की किरकिरी होता देख वीपी सिंह ने अपने डिप्टी देवीलाल से महम को लेकर बात की और ओम प्रकाश से इस्तीफा दिलाने के लिए कहा. देवीलाल शुरू में तो नाराज हुए लेकिन आखिर में ओम प्रकाश चौटाला से इस्तीफा देने के लिए कह दिया.
2019 में खाप पंचायत फिर सुर्खियों में आया. दादरी सीट पर खाप के समर्थन से सोमवीर सांगवान निर्दलीय ही जीत गए, जबकि इस सीट पर कई दिग्गज मैदान में थे.
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