Political – हरियाणा में BJP की जीत के शिल्पकार बने धर्मेंद्र प्रधान, चुपचाप कर दिया चमत्कार!- #INA

धर्मेंद्र प्रधान. (फाइल फोटो)

हरियाणा में लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. सभी कयासों पर विराम लगाते हुए बीजेपी ने लगातार तीसरी बार जीत कर सूबे में इतिहास बना दिया है. हरियाणा में इस चुनाव जीत के शिल्पकार केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रहे.

हरियाणा जीत की हैट्रिक के पीछे वैसे से तो कई कारण रहे लेकिन एक महत्वपूर्ण कारण बीजेपी का चुनाव प्रबंधन रहा. एक तरह से हरियाणा में बीजेपी चुनाव प्रबंधन की टीम का गठन 16 जून को हुआ था. इसमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बीजेपी ने हरियाणा का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया था.

धर्मेंद्र प्रधान को बनाया गया प्रभारी

दरअसल 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद असंतुष्ट बीजेपी नेतृत्व ने ये पहला निर्णय लेते हुए हरियाणा और महाराष्ट्र का चुनाव प्रभारी घोषित किया था. 16 जून को जब धर्मेंद्र प्रधान को प्रभारी बनाया गया तब हरियाणा का चुनाव जीतना आसान नहीं दिख रहा था.

ग्राउंड जीरो पर लगातार डटे रहे

जिम्मेदारी मिलने के बाद हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने साइलेंट शिल्पकार के तौर पर हरियाणा को ही अपना दूसरा घर बना लिया और ग्राउंड जीरो में लगातार डटे रहे. धर्मेंद्र प्रधान ने हरियाणा के तीन कोनों में रोहतक, पंचकूला और कुरुक्षेत्र में अपना कैम्प कार्यालय लगातार बना के रखा. प्रधान ने राज्य की छोटी बड़ी हर घटना से केंद्रीय नेतृत्व खासकर गृहमंत्री अमित शाह को लूप में रखा और समस्या का निस्तारण तुरंत किया.

इस दौरान हरियाणा में प्रधान ने ग्राउंड जीरो पर कार्यकर्ताओं और नेताओं की छोटी-छोटी बैठकें की. कार्यकर्ताओं से मीटिंग कर रियलटाइम फीडबैक लेते रहे और केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराकर कमियों को तुरंत दुरुस्त करते रहे.

बीजेपी के बागियों को किया मैनेज

धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में बीजेपी की इस चुनाव मैनेजमेंट टीम ने हरियाणा में रूठे नेताओं को मनाने में पूरी ताकत झोंक दी. बीजेपी उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के बाद एक समय ऐसा आया जब लगा बीजेपी के बागी उम्मीदवार पार्टी का सारा खेल बिगाड़ देंगे और दो दर्जन से ज्यादा बागी नेता चुनाव लडने पर उतारू हो गए. लेकिन ये प्रधान और उनकी टीम की सफलता थी कि नॉमिनेशन की पर्चा वापस लेने की तारीख नजदीक आते-आते तीन ही बागी बचे रह गए थे.

प्रधान ने एक दूसरा काम किया कमजोर बूथों की पहचान कर दूसरे दलों के मज़बूत कार्यकर्ताओं और नेताओं को पार्टी से जोड़ने और अपना बनाने में बड़ी भूमिका अदा की. बीजेपी के बड़े नेताओं की रैलियां और सभाएं प्रचार के आखिरी तीन दिनों तक नहीं लगने दी. सिर्फ एक रैली पीएम नरेंद्र मोदी की 1 अक्टूबर को पलवल में करवाई.

एक-एक बूथ को किया मॉनिटर

चुनाव प्रचार के लास्ट के तीन दिन चुनाव प्रचार पर बिल्कुल फोकस नहीं किया ताकि बूथ मैनेजमेंट को सही ढंग से लागू किया जा सके. इस दौरान एक-एक बूथ को मॉनिटर किया और किस बूथ पर पोलिंग एजेंट को बस्ता पहुंचा कहां नहीं इस बात तक का ख्याल रखा.

बड़ी रैलियों से भी परहेज

बतौर चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पूरे चुनाव के दौरान कोई भी इंटरव्यू नहीं दिया. यही नहीं प्रधान ने बड़ी रैलियों से भी परहेज किया और मंच पर जाने के बजाय मंच के पीछे रहकर पार्टी की जड़ों को मजबूत किया. प्रधान ने ग्राउंड जीरो पर जाकर छोटी-छोटी बैठकें करते रहे. कार्यकर्ताओं से मीटिंग कर रियलटाइम फीडबैक लेते और केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराकर कमियों को तुरंत दुरुस्त करते.

जनता के बीच जगह बनाया

प्रधान ने लगातार कार्यकर्ताओं को टीवी और सोशल मीडिया पर पार्टी के खिलाफ चल रही गॉसिप से निराश न होकर जमीन पर दोगुने जोश के साथ कार्य के लिए प्रेरित किया. राजनीतिक विषयों और मुद्दों को बहुत गहराई से देखने और समझने की अपनी आदत के चलते प्रधान ने कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया कि अपने मुद्दों की मजबूती से उठाकर जनता के बीच जगह बना कर रखना है.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button