भारत ने विनाशकारी हथियारों के प्रसार को रोकने की प्रतिबद्धता दोहराई

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने यहां सुरक्षा परिषद की 1540 समिति की खुली ब्रीफिंग के दौरान सामूहिक विनाश वाले हथियारों (डब्ल्यूएमडी) के प्रसार को रोकने के वैश्विक प्रयासों के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया।

भारतीय राजदूत ने गुरुवार (स्थानीय समय) को सभा को संबोधित करते हुए कहा यह महत्वपूर्ण है कि समिति उन सदस्य देशों के विचारों और टिप्पणियों को सुने, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव 1540 के कार्यान्वयन के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी वहन करते हैं।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से भारतीय राजदूत के वक्तव्य का एक वीडियो साझा किया। भारतीय मिशन के अनुसार, राजदूत हरीश ने कहा व्यापक विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए भारत की प्रतिबद्धता अटल है। भारत आतंकवादियों को सामूहिक विनाश के हथियार हासिल करने से रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र में वार्षिक प्रस्ताव रखता रहा है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1540 को बहुत महत्व देता है। भारत प्रस्ताव के क्रियान्वयन के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए तैयार है।
हरीश ने आतंकवादियों को सामूहिक विनाश के हथियार हासिल करने से रोकने के लिए भारत की पहलों पर प्रकाश डाला, जिनमें संयुक्त राष्ट्र महासभा में वार्षिक प्रस्ताव, उद्योग और शिक्षा जगत से जुड़े आउटरीच कार्यक्रम तथा रणनीतिक व्यापार नियंत्रण शामिल हैं। भारतीय राजदूत ने स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए भारत ने एक मजबूत कानूनी और विनियामक ढांचा स्थापित किया है, जिसमें लाइसेंसिंग, प्रवर्तन और जोखिम मूल्यांकन के लिए प्रभावी अंतर-मंत्रालयी तंत्र शामिल हैं।

उन्होंने कहा भारत के पास प्रस्ताव 1540 और रणनीतिक व्यापार नियंत्रण के प्रावधानों को लागू करने के लिए एक मजबूत कानूनी और विनियामक प्रणाली है। भारत के पास रेडियोधर्मी पदार्थों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए भी एक मजबूत ढांचा है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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