Political – झारखंड चुनाव में JDU ने खेला सबसे बड़ा दांव, दोनों सीटों पर उतारे सीएम को हराने वाले उम्मीदवार- #INA
गोपाल कृष्ण पातर और सरयू राय
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 81 सीटों पर दो चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी. अपनी-अपनी जीत के लिए सभी पार्टियों ने एक से बढ़कर एक योद्धाओं को मैदान में उतारा है, जहां बीजेपी ने 20 से ज्यादा सिटिंग विधायकों पर भरोसा जताते हुए कई अन्य दिग्गज नेताओं के बेटे, किसी के भाई, किसी की बहू और किसी की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन समेत कई विधायक और राज्यसभा के सांसद चुनावी मैदान में हैं. ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी के सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो की प्रतिष्ठा भी सिल्ली विधानसभा सीट से दांव पर लगी है.
लेकिन JDU ने NDA गठबंधन में सीट शेयरिंग के मुताबिक दो विधानसभा सीटों पर दो ऐसे दिग्गज प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, जिनके नाम सीटिंग मुख्यमंत्री को चुनाव में हराने का रिकॉर्ड है. दोनों ही प्रत्याशी JDU का चुनावी मास्टर स्ट्रोक माने जा रहे हैं. JDU ने जहां राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय को झारखंड के जमशेदपुर पश्चिम सीट से और गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर को तमाड़ विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
गोपाल कृष्ण पातर, राजा पीटर
झारखंड के तमाड़ विधानसभा सीट से जदयू के प्रत्याशी गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने साल 2009 में हुए उपचुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो हैं. उनके खिलाफ बतौर निर्दलीय मैदान में उतरकर उन्हें चुनाव हरा दिया था. इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी, रातों-रात गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए थे.
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6 साल काट चुके हैं जेल
साल 2010 में उन्हें मद्य निषेध मंत्री भी बनाया गया था. राजा पीटर पर तमाड़ के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगा था. गोपाल कृष्ण पातर को नक्सली कुंदन पाहन के बयान के आधार पर लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा था. गोपाल कृष्ण को झारखंड हाई कोर्ट से दिसंबर 2023 में सशर्त जमानत मिली है. उन्होंने लगभग 6 साल जेल काटी है और उसके बाद जमानत पर बाहर आए.
झारखंड की राजनीति के चाणक्य
झारखंड की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही गढ़ यानी जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से 15 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया था. रघुवर दास साल 1995 से लगातार जमशेदपुर पूर्वी के विधायक के रूप में चुनाव जीते आ रहे थे. साल 2014 में उन्हें झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि साल 2019 में सरयू राय जो उनके ही कैबिनेट में मंत्री रहे थे. उन्होंने रघुवर दास को हरा दिया था.
पशुपालन घोटाला का किया भंडाफोड़
सरयू राय ने ही 1994 में सबसे पहले पशुपालन घोटाला का भंडाफोड़ किया था. सरयू राय ने जुलाई 1998 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में, जबकि साल 2005 से 2009 तक झारखंड विधानसभा के सदस्य के रूप में जमशेदपुर पूर्वी का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि साल 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2014 और 2019 में उन्हें जीत मिली और वह विधानसभा पहुंचे. अब एक बार फिर से सरयू राय जमशेदपुर पश्चिम से जदयू के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे हैं.
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