Political – झारखंडः 32 ने भरा पर्चा, मैदान में उतरे 30 प्रत्याशी, सभी की जमानत जब्त, किसके खाते में गई थी जीत?- #INA
यूपी विधानसभा उप चुनाव
झारखंड में पांचवीं विधानसभा के लिए चुनाव कराए जाने हैं. नामांकन प्रक्रिया अंतिम चरण में है. यहां 2 चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर को है, और इसके लिए चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है. जबकि 20 नवंबर को होने वाली वोटिंग की नामांकन प्रक्रिया 1 नवंबर को पूरी होगी. यहां का चुनावी इतिहास करीब 20 साल पुराना है. 24 साल पुराना यह राज्य अपने यहां कई राजनीतिक हलचलों का गवाह बन चुका है.
यूं तो झारखंड 15 नवंबर 2000 को देश के नक्शे पर नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था. लेकिन यहां पर पहली विधानसभा के लिए फरवरी 2005 में चुनाव कराया गया. यहां का पहला ही चुनाव कई मायनों में खास हो गया. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई, सीपीआई-एम और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसे 6 राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ कुल 50 दलों ने चुनाव में हिस्सा लिया. इस चुनाव में बोकारो जिले की चंदनकियारी सीट तब चर्चा में आ गई क्योंकि मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त हो गई थी.
30 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला
बोकारो जिले के तहत 4 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें चंदनकियारी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पहली बार इस सीट पर चुनाव कराया गया. चुनाव के लिए इस सीट पर कुल 32 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था, लेकिन उसमें 2 के नामांकन रद्द हो गए. ऐसे में मैदान में बचे 2 महिलाओं समेत 30 प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला रहा. जीत झारखंड मुक्ति मोर्चा के हारू रजवार के पक्ष में गई.
हालांकि यहां के चुनाव परिणाम में खास बात यह रही कि चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी समेत सभी 32 उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गई. चंदनकियारी में उतरे प्रत्याशियों को अपनी जमानत बचाने के लिए कम से कम 18,179 वोट की दरकार थी. लेकिन एक भी उम्मीदवार इसके करीब भी नहीं पहुंच सका.
4 प्रत्याशियों को मिले 12 हजार से अधिक वोट
अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व चंदनकियारी विधानसभा सीट पर कुल 1,94,752 वोटर्स थे जिसमें 56 फीसदी यानी 1,09,069 वोटर्स ने वोट डाले. मुकाबला जोरदार रहा. संघर्षपूर्ण मुकाबले में सबसे अधिक वोट झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के हारू रजवार को मिले.
हारू रजवार को कुल पड़े वोटों में से महज 17,823 वोट ही मिले जो जमानत बचाने के लिए जरूरी वोटों से काफी कम था. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी ऑल झारखंड स्टुडेंट्स यूनियन के उमाकांत रजक के खाते में 13,706 वोट आए. 2 अन्य प्रत्याशियों के खाते में 12-12 हजार से अधिक वोट मिले.
32 में से 20 को मिले एक हजार से ज्यादा वोट
सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने की बड़ी वजह 32 में से 20 प्रत्याशियों के खाते में एक-एक हजार से अधिक वोटों का आना रहा था. जमानत गंवाने के बावजूद हारू रजवार को यहां सबसे अधिक वोट पाने की वजह से विजेता घोषित किया गया. रजवार ने यह चुनाव 4,117 मतों के अंतर से जीता. हारू ने लगातार दूसरी बार यहां से जीत हासिल की थी.
साल 2000 में बिहार विधानसभा के लिए यहां पर कराए गए चुनाव में जेएमएम के टिकट पर हारू 19,710 मतों के अंतर से विजयी हुए थे. हालांकि 1995 में उन्हें यहां से हार मिली थी. हारू के लिए 2005 में मिली जीत अंतिम जीत रही. 2005 में जीत के बाद वह जेएमएम छोड़कर जनता दल यूनाइटेड (JDU) में आ गए. उन्हें जेडीयू के टिकट पर 2009 में हार मिली. 2014 में वह फिर से जेएमएम के साथ जुड़ गए लेकिन तीसरे नंबर से ऊपर नहीं आ सके.
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