Political – BJP के नारे वाले नैरेटिव की कांग्रेस ने निकाली काट, महाराष्ट्र-झारखण्ड में आखिरी दो दिन के लिए प्लान सेट- #INA
कांग्रेस पार्टी के नेता
महाराष्ट्र विधानसभा में आज चुनावी प्रचार का आखिरी दिन रहा. शाम पांच बजे चुनावी प्रचार थम गया. प्रचार के आखिरी दिन तमाम सियासी दल अपनी पूरी ताकत झोंकते नजर आए. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनावी प्रचार दिलचस्प देखने को मिला. एक ओर महाविकास अघाड़ी और दूसरी ओर महायुति चुनावी दंगल में जोरों शोरों से प्रचार करती नजर आई.
कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी की ओर से लगातार ‘बटोगे तो कटोगे’ और एक है तो सेफ है जैसे चुनावी नारे महाराष्ट्र में दिए गए ताकि चुनाव ध्रुवीकरण किया जा सके और पूरा चुनाव हिंदू बनाम मुस्लिम हो सके. कांग्रेस ने इस चुनाव में मुद्दों की लड़ाई को आगे रखने की कोशिश की ताकि इससे बीजेपी को फायदा और कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी को नुकसान ना हो, लेकिन बीजेपी अंतिम दौर में ध्रुवीकरण करने की रणनीति पर काम करती रही. एक हद तक बीजेपी ने इस नैरेटिव को सेट भी किया.
महाराष्ट्र में खुद राहुल गांधी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
महाराष्ट्र में चुनावी प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस ने मुद्दों के नैरेटिव को सेट करने की पूरी कोशिश की. राहुल गांधी ने प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी की पांच बड़े वादे को आगे रख कर बीजेपी के नैरेटिव को खत्म करने की कोशिश की. एक तरह से राहुल गांधी ने इन बड़े वादों को जनता तक पहुंचाने की सीधी रणनीति को अपनाया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
महाविकास अघाड़ी के वादों में क्या-क्या?
- महिलाओं को हर महीने 3000 रुपए देंगे
- महिलाओं को फ्री बस की सुविधा मिलेगी
- किसानों का 3 लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा
- सोयाबीन पर 7000 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा
- प्याज के किसानों के लिए फेयर प्राइस कमेटी होगी
- कपास के लिए फेयर MSP होगी
- महाराष्ट्र में जातिगत जनगणना होगी
- 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा
- बेरोजगारों को हर महीने 4000 रुपए की मदद
- ढाई लाख सरकारी नौकरियां देंगे
वही, बीजेपी के एक है सेफ है की काट के लिए कांग्रेस ने मुद्दों की बात को आगे रखा और साथ ही राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के धारावी प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए लोकल मुद्दो को बड़ा फैक्टर बनाने की कोशिश की. कांग्रेस की कोशिश है कि अंतिम वक्त में महाराष्ट्र के कोर मुद्दों पर वोटिंग हो इसलिए मुद्दों और गारंटी को आगे रखा गया. अब पार्टी कार्यकर्ताओं की चुनौती इन पांच गारंटियों और राहुल की थीम को जन जन तक पहुंचाने की है.
तालमेल को लेकर दिक्कत अभी तक बरकरार
महाराष्ट्र चुनाव में एक ओर प्रचार थम गया है लेकिन महाविकास अघाड़ी में चर्चा जोर शोर से है कि शिवसेना उद्धव और कांग्रेस के बीच तालमेल में लगातार दिक्कत जारी है. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी ने ज्यादा सीट तो लीं, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट लोकसभा की तर्ज पर उतना अच्छा नहीं हुआ तो महाविकास अघाड़ी को नुकसान हो सकता है. कांग्रेस अंतिम दौर में खुद को बचाने और मुद्दे केंद्रित करने की कोशिश में जुटी हुई है. वहीं महाविकास अघाड़ी के साथी दलों को लगता है कि राहुल प्रियंका ने वायनाड जरूरत से ज्यादा वक्त दिया, जबकि जरूरत महाराष्ट्र को थी.
झारखंड में भी कांग्रेस के रवैये से आपसी तनातनी
महाराष्ट्र की तरह झारखंड में भी इंडिया गठबंधन में आपसी तनातनी है. झारखंड में कांग्रेस और JMM मिलकर चुनावी गठबंधन में एक साथ है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक झारखंड मे JMM कांग्रेस पार्टी के खराब प्रचार को लेकर नाराज है. सूत्रों के मुताबिक जेएमएम का ये मानना है कि जितनी मेहनत कांग्रेस पार्टी ने वायनाड के चुनावी प्रचार में की उतनी मेहनत कांग्रेस को झारखंड में करनी चाहिए थी.
कांग्रेस के कम प्रचार की वजह से नुकसान की आशंका
कांग्रेस के कम प्रचार के कारण गठबंधन को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है. जेएमएम को लगता है कि कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के लिए सीटें तो मांग ली, अगर बिहार विधानसभा की तर्ज उसने प्रदर्शन किया तो सरकार बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
हालांकि, अंतिम दो दिन में जो हो गया वो गया को छोड़कर कांग्रेस की रणनीति है कि पूरी ताकत झोंककर राहुल की थीम और पार्टी की गारंटियों को घर-घर तक पहुंचाया जाए ताकि वोटिंग के दिन उसके मुद्दों पर चुनाव हो. यानी सारी रणनीति 20 नवंबर के मतदान के दिन के लिए है, जिसका रिजल्ट 23 नवंबर को मतदान के दिन सामने आएगा.
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