UP News: UP: जंगल में शेरों को हुई ये बीमारी, होम्योपैथी-आर्युवेद से किया जा रहा इन्हें ठीक – INA
उत्तर प्रदेश इटावा सफारी पार्क के बब्बर शेरों को आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं से पेट के रोग दूर किए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान दो शेरों पर आयुर्वेदिक दवाओ का इस्तेमाल किया गया था, जिसका फायदा मिलने के बाद अन्य बब्बर शेरों पर इसका इस्तेमाल किया गया है. अब इटावा सफारी प्रबंधन ने इसको प्रयोग के रूप में शामिल कर लिया है. इसके लिए एक शोध पत्र भी सफारी की ओर से जारी किया गया है.
जानकारी के अनुसार, एशियाटिक बब्बर शेरों के सबसे बड़े प्रजनन केंद्र के रूप में देश दुनिया में अपनी पहचान स्थापित कर चुके इटावा सफारी पार्क प्रबंधन ने पार्क के शेरों में कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग करके एक शोध पत्र जारी किया है. कोरोना संक्रमण के दौरान दो शेरों पर आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल किया गया था, जिसका फायदा मिलने के बाद अन्य शेर शेरनियों पर इसका प्रयोग किया गया है, जोकि सफल रहा. अब इटावा सफारी प्रबंधन ने इसको प्रयोग के रूप में शामिल कर लिया है.
शेरों को हो रही कब्ज की समस्या
आम तौर पर ऐसा देखा गया है कि सर्दी के मौसम के अलावा बढ़ती उम्र के साथ ही कब्ज की समस्या भी खड़ी हो जाती है. जिससे शेरों को मल त्याग करने में कठिनाई हो जाती है. इन्हीं सभी समस्याओं को देखते हुए सफारी प्रबंधन ने आयुर्वेद का सहारा लिया है. विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी जांच में पाया है कि कभी-कभी शेरों में भी कब्ज की समस्या होती है. इसलिए इटावा लॉयन सफारी में बब्बर शेरों को कब्ज होने की स्थिति में इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक दवाएं देना शुरू कर दिया गया है.
होती है मल त्यागने में परेशानियां
पिछले डेढ़ साल में इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं. मेरठ में नवंबर माह में वन्यजीवों की सेहत और क्लाइमेट चेंज से उभरी चुनौतियों पर हुई कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर शोध पेपर भी जारी किया गया है. शेरों में कब्ज की समस्या तब आती है, जब उन्हें बाड़े में रखा जाए. इसकी दूसरी वजह बढ़ती उम्र भी होती है. इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक विनय सिंह और डॉक्टर डॉ रॉबिन सिंह यादव ने बताया कि कभी कभी कब्ज से शेरों में (मेगाकोलन) जैसी गंभीर बीमारी पनपती है. उन्हें मल त्याग में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. शुरुआत में सभी शेरों को कब्ज से निजात दिलाने के लिए मीट में लिक्विड पैराफिन मिलाकर हर 15 वें दिन दिया जाता था, लेकिन कभी-कभी ये भी असर नहीं करता था.
हाजमा दुरुस्त करने के लिए दी जा रहीं दवाएं
उन्होंने बताया कि शेरों को कुछ एलोपैथिक दवाएं दी गईं, लेकिन इनके अपने साइड इफेक्ट्स थे. इससे शेरों के शरीर से जरूरी मिनरल्स बाहर आने का खतरा होता था. इससे निपटने के लिए प्रयोग के तौर पर मीट के साथ बाजार में उपलब्ध आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं दी गईं. ये दवाएं कब्ज निवारण के लिए ही थीं. शेरनी को मीट के साथ 4-5 टेबलेट और शेर को 5-6 टेबलेट दी गईं. इसके साथ हर शेर-शेरनी को 10 ग्राम प्रोबायटिक्स और विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स की खुराक भी दी गई. भूख बढ़ाने के लिए पानी में मिलाकर एक सिरप पिलाया गया. 48 घंटे बाद इसका अच्छा असर दिखने लगा. अगले कुछ दिनों में शेर सामान्य रूप से मल त्यागने लगे. शेरों का हाजमा दुरुस्त हो गया. पिछले करीब डेढ़ साल से इस प्रोटोकॉल का शेरों की देखभाल में इस्तेमाल किया जा रहा है.
2012 में हुई थी सफारी की स्थापना
इटावा सफारी में शेरों के विचरण के लिए बड़ी जगह दी गई है। इसके बावजूद बाड़े में रहने वाले या उम्रदराज शेरों के लिए हर्बल दवाओं का प्रोटोकॉल इस्तेमाल किया जा रहा है. इटावा सफारी पार्क की स्थापना समाजवादी सरकार में साल 2012 में हुई थी. इसके बाद से दर्जन भर की संख्या में बब्बर शेरों की विभिन्न बीमारियों के चलते मौतें भी हो गई थी, जिसको लेकर सफारी प्रबंधन की भूमिका पर निरंतर सवाल भी खड़े होते रहे थे, लेकिन अब सफारी प्रबंधन एशियाटिक बब्बर शेरों को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए पूर्ण मनोयोग से काम में जुटने का यह असर देखा जा रहा है कि अनायास किसी भी एशियाई शेर के सामने जीवन का संकट खड़ा नहीं हो रहा है.
UP: जंगल में शेरों को हुई ये बीमारी, होम्योपैथी-आर्युवेद से किया जा रहा इन्हें ठीक
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,