वैशाली जिला पदाधिकारी ने आज विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान हाजीपुर में आवासित ढाई माह की बच्ची को मुंबई में कार्यरत बंगाली दंपति को दत्तक ग्रहण पूर्व पालक देखरेख के लिए सुपुर्द किया।
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार ।
वैशाली /हाजीपुर। मात्र एक दिन की बालिका लगभग ढाई महीने पूर्व सदर थाना क्षेत्र में परित्यक्त अवस्था में पायी गयी थी। चाइल्ड हेल्पलाइन वैशाली के सहयोग से प्राप्त करने के बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के पश्चात उसे चाइल्ड हेल्पलाइन के द्वारा बाल कल्याण समिति वैशाली के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। समिति के आदेश से उसे विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित कर जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा उसके माता-पिता की खोज हेतु दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन का प्रकाशन कराया गया था।
सबसे छोटी होने के कारण विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में यह बालिका सबके आंखों का तारा बनी हुई थी। 60 दिनों तक कोई दावेदार के नहीं आने पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा अधिसूचित दत्तक ग्रहण विनियमन 2022 के प्रावधानों के आलोक में बालिका को दत्तक ग्रहण में दिया जा रहा है। बालिका के भावी माता-पिता दंपति को पूर्व से एक पुत्र है। उन्होंने एक पुत्री के लिए 2021 में विहित पोर्टल carings.wcd.gov.in पर अपना पंजीकरण कराया था। 4 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद जब उन्हें बालिका का रेफरल प्राप्त हुआ तो उनके खुशी का ठिकाना न रहा। उसके बाद से वे लोग यथाशीघ्र बालिका को ले जाने के लिए उत्सुक बने रहे।
आज बालिका के प्राप्त होने पर उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। सहायक निदेशक ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दत्तक ग्रहण नियमावली 2022 के प्रावधानों के आलोक में विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक रूपा कुमारी ने मुंबई से आए भावी दत्तक माता-पिता के सभी दस्तावेजों की जांच मूल प्रति से करने के उपरांत उन्हें दत्तक ग्रहण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें समिति ने दंपति को उक्त बालिका के दत्तक ग्रहण हेतु उपयुक्त पाया। इसके पश्चात सहायक निदेशक ने जिलाधिकारी महोदय से उक्त बालिका के दत्तक ग्रहण हेतु अग्रेतर कार्रवाई के रूप में प्री एडॉप्शन फोस्टर केयर के लिए अनुरोध किया, जिसके आलोक में जिलाधिकारी महोदय ने बालिका को भावी दत्तक माता-पिता के सुपुर्द किया। अब जिला पदाधिकारी के न्यायालय से दत्तक ग्रहण आदेश प्राप्त कर बालिका के दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
इस अवसर पर जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने कहा कि बच्चा हमेशा कानूनी रूप से ही दत्तक ग्रहण में लेना चाहिए। किशोर न्याय (बालकों की देख रेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2021 की धारा 56 से 65 के अधीन एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिसूचित दत्तक ग्रहण विनियमन 2022 के प्रावधानों का अनुसरण करते हुए जिले में अवस्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के माध्यम से ही बच्चा गोद लेना चाहिए। किसी अन्य माध्यम से किया गया दत्तक ग्रहण गैर कानूनी एवं दंडनीय अपराध है।
इस अवसर पर श्री विनोद कुमार ठाकुर, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल संरक्षण पदाधिकारी, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक रूपा कुमारी सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे।