World News: हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत ने नहीं दिया जवाब, क्या होगा बांग्लादेश का अगला कदम? – #INA
बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना को वापस भिजवाने की मांग की है. उसकी इस मांग को भारत ने ज्यादा भाव नहीं दिया है. उसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है. ऐसे में इस मुद्दे पर बांग्लादेश का अगला कदम क्या होगा ये बड़ा सवाल है. हालांकि उसने कह दिया है कि वो भारत को रिमाइंडर लेटर भेजेगा. द डेली स्टार के मुताबिक, ढाका नई दिल्ली को एक रिमाइंडर लेटर भेजेगा.
बांग्लादेश ने क्या कहा?
बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने कहा, हमें अभी तक नई दिल्ली से कोई जवाब नहीं मिला है. हम जवाब का इंतजार करेंगे. अगर निश्चित समय तक हमें ये नहीं मिलता है तो हम रिमाइंड लेटर भेजेंगे. एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि ढाका का अगला कदम दिल्ली के जवाब पर निर्भर करेगा. हम इस समय इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते या स्थिति पर अटकलें नहीं लगाना चाहते.
इससे पहले सोमवार को बांग्लादेश ने नई दिल्ली में अपने मिशन के माध्यम से एक राजनयिक नोट भेजकर भारत सरकार से बांग्लादेश में न्यायिक कार्यवाही के लिए हसीना को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया. बांग्लादेश की मांग पर विदेश मंत्रालय की अब तक कोई टिप्पणी नहीं आई है.
हसीना पर जुलाई के विद्रोह के दौरान 100 से अधिक मामले दर्ज हुए. बांग्लादेश स्थित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के लिए हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. 5 अगस्त को उनकी सरकार गिर गई थी. सत्ता जाने के बाद शेख हसीना भारत आईं.
भारत और बांग्लादेश ने 2013 में एक प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे,लेकिन संधि के अस्तित्व मात्र का मतलब यह नहीं है कि नई दिल्ली को शेख हसीना को ढाका को सौंप देना होगा. संधि के अनुसार, यदि अपराध राजनीतिक प्रकृति का है तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है. हालांकि उन अपराधों की सूची जिन्हें राजनीतिक नहीं माना जा सकता है, काफी लंबी है. कुछ अपराध जिनके तहत हसीना पर मामला दर्ज किया गया है, उन्हें संधि में राजनीतिक अपराधों की परिभाषा से बाहर रखा गया है.
2016 में प्रत्यर्पण संधि में किया गया संशोधन
प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सरल करने के लिए 2016 में संधि में संशोधन किया गया था. संधि के अनुच्छेद 10 (3) में संशोधन ने प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश के लिए किए गए अपराध का साक्ष्य उपलब्ध कराने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया. अब प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के लिए केवल उस देश की अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट की आवश्यकता होती है और बांग्लादेश में हसीना के खिलाफ ऐसे कई वारंट हैं. लेकिन अनुच्छेद 8 में प्रत्यर्पण से इनकार के लिए कई आधार हैं.
भारत के पास इस आधार पर हसीना के प्रत्यर्पण से इनकार करने का विकल्प है कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप न्याय के हित में अच्छे विश्वास में नहीं हैं. हालांकि इससे नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंधों में और तनाव आ सकता है.
हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत ने नहीं दिया जवाब, क्या होगा बांग्लादेश का अगला कदम?
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