World News: श्रीलंकाः पूर्व राष्ट्रपति और बड़े नेताओं को आलीशान बंगले खाली करने होंगे, महज साढ़े 9 हजार रुपये रेंट दिया जाएगा, पर क्यों? – INA NEWS
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका की वे तस्वीरें अब भी लोगों के जहन में हैं, जब आर्थिक कंगाली से जूझ रहे इस देश में लोग राष्ट्रपति के घर में घुस गए थे. तब से अब तक काफी कुछ बदल चुका है. दशकों तक हुकूमत करने वाले राजपक्षे अब सत्ता से बाहर हैं. श्रीलंका में वामपंथी दल की सरकार है, जिसके मुखिया अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति हैं. ये सरकार शपथ लेने के बाद ही से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले भारी भरकम खर्च को कम करने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में अब सरकार ने फैसला किया है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति – जिनमें ताकतवर राजपक्षे परिवार भी शामिल है, और दूसरे बड़े नेताओं को आलीशान बंगले खाली करने होंगे.
सरकार इनका इस्तेमाल म्यूजियम, होटल के तौर पर करेगी. देश के सूचना मंत्री नलिंदा जयतिसा ने ये ऐलान किया है. वामपंथी सरकार ने तय किया है कि देश के पूर्व नेताओं को सरकारी आवास उपलब्ध कराने के बजाय उन्हें रेंट पर रहने के लिए 107 अमेरिकी डॉलर (करीब साढ़े नौ हजार भारतीय रूपये) हर महीने दिए जाएगें. अभी ये नेता लाखों-करोड़ों के मकान में रह रहे हैं. मिसाल के तौर पर, करीब 14 लाख रूपये प्रति माह (16,500 अमेरिकी डॉलर) का किराया अकेले पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के सरकारी आवास का है. 1986 के श्रीलंकाई कानून के हिसाब से मौजूदा घर के रेंट को देखें तो ये डेढ़ सौ गुना ज्यादा कीमत का है.
किराया भत्ता 100 डॉलर मिलेगा
दिसानायके की सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह भविष्य में पूर्व राष्ट्रपति या उनके आश्रितों को आवास उपलब्ध नहीं कराएगी. इसके बदले, उन्हें उनकी पेंशन का एक-तिहाई के बराबर का किराया भत्ता मिला करेगा. जो 100 अमेरिकी डॉलर के आसपास बनता है. सरकार के इस फैसले पर महिंदा राजपक्षे की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर उन्हें लिखित नोटिस दिया जाता है तो वे घर खाली करने को तैयार हैं. उधऱ सूचना मंत्री जयतिसा का कहना है कि सभी नेता, जो अभी आवास रखे हुए हैं, उनके बयान ही को नोटिस मान सकते हैं और तुरंत आवास खाली कर सकते हैं.
किनके पास आलीशान मकान
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राजपक्षे जिस मकान में रह रहे हैं, 2021 में प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने इस पर 80 करोड़ श्रीलंकाई रुपये खर्च किया था. महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई गोतबाया राजपक्षे, जिन्हें देश की आर्थिक तबाही का जिम्मेदार माना गया था और जो भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जुलाई 2022 में राष्ट्रपति पद से हटने के लिए मजबूर हुए थे, वे भी एक सरकारी हवेली में रह रहे हैं. इनके अलावा, दो और पूर्व राष्ट्रपति – चंद्रिका कुमारतुंगा और मैत्रीपाला सिरिसेना – कोलंबो के सरकारी आवास में रह रहे हैं. इनमें से कई घर ब्रिटिश शासन के दौरान लंदन के बड़े सिविल अधिकारियों के लिए बनाए गए थे. लिहाजा, ये सभी आलीशान मकान हैं.
दिसानायके सरकार के बड़े फैसले
मौजूदा राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके भ्रष्टाचार से लड़ने के वादे के साथ पिछले साल सितंबर में सत्ता में आए थे. संसदीय चुनावों में उनकी पार्टी की भारी जीत के बाद उन्होंने अपनी पकड़ और मजबूत की. वह देश के राष्ट्रपति बने. नई सरकार ने पिछले महीने पूर्व नेताओं को दिए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी भारी कटौती की. कहा गया कि सरकार के इस कदम से करदाताओं के लिए सालाना 120 करोड़ श्रीलंकाई रुपये (43 लाख अमेरिकी डॉलर) से अधिक की बचत हो रही है. सरकार ने बताया है कि पिछले साल राजपक्षे ब्रदर्स – यानी महिंदा और गोतबाया राजपक्षे की सुरक्षा पर देश को 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का खर्च उठाना पड़ा.
महिंदा-गोताबया राजपक्षे का शासन
महिंदा और गोताबाया राजपक्षे नें 2005 से 2015 तक और फिर नवंबर 2019 से जुलाई 2022 तक श्रीलंका पर शासन किया. गोटाबाया राजपक्षे को 2022 में पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि श्रीलंका को अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था. तब देश का विदेशी मुद्रा भंडार काफी नीचे चला गया था और देश के पास भोजन, ईंधन, दवा जैसी जरूरी चीजों के आयात के लिए डॉलर खत्म हो गया था. ऐसे में, देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. गोताबाया राजपक्षे को देश छोड़ना पड़ा. दिसानायके आए और फिर आर्थिक स्थिरता बहाल करने को लेकर कई तरह की कोशिशें की गईं. अब ये नई पहली भी उसी क्रम में है.
श्रीलंकाः पूर्व राष्ट्रपति और बड़े नेताओं को आलीशान बंगले खाली करने होंगे, महज साढ़े 9 हजार रुपये रेंट दिया जाएगा, पर क्यों?
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