दुनियां – दक्षिण कोरिया में राजनीति तेज, विपक्ष ने कहा- राष्ट्रपति पद छोड़ें या फिर महाभियोग का सामना करें – #INA

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल की ओर से देश में मार्शल लॉ लागू करने और फिर चंद घंटे बाद वापस लेने के बाद राजनीति तेज हो गई है. देश की मुख्य विपक्षी दल ने आज बुधवार को राष्ट्रपति से तत्काल पद छोड़ने की मांग की है. साथ ही यह भी कहा कि अगर वह पद नहीं छोड़ते हैं तो वो महाभियोग का सामना करने के लिए तैयार रहें.
दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक येओल से तत्काल इस्तीफा देने या महाभियोग का सामना करने का आग्रह किया, यून द्वारा अल्पकालिक मार्शल लॉ को समाप्त करने के कुछ घंटों बाद, जिसके कारण सैनिकों ने सांसदों द्वारा इसे हटाने के लिए मतदान करने से पहले संसद को घेर लिया था.
सलाहकारों समेत कई अफसरों का इस्तीफा
हालांकि राष्ट्रपति येओल ने विपक्ष की मांग पर तत्काल सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन उनके ऑफिस की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकारों और सचिवों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की पेशकश की है. इस बीच राष्ट्रपति ने आज बुधवार को अपने आधिकारिक कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया.
राष्ट्रपति येओल ने कल मंगलवार की रात अचानक देश में आपातकालीन मार्शल लॉ लागू कर दिया, और विपक्ष के वर्चस्व वाली संसद में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष करने और “राज्य विरोधी” ताकतों को खत्म करने की कसम खाई. हालांकि उनके ऐलान के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया और मार्शल लॉ महज 6 घंटे ही लागू रह सका. नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति के फैसले को खारिज करने के पक्ष में वोट किया. कैबिनेट की बैठक के दौरान सुबह 4:30 बजे के करीब औपचारिक रूप से मार्शल लॉ को हटा दिया गया.
हम महाभियोग चलाएंगेः विपक्षी दल
300 सीटों वाली दक्षिण कोरिया की संसद में बहुमत रखने वाली उदारवादी विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने आज कहा कि उसके सांसदों ने राष्ट्रपति से तुरंत पद छोड़ने के लिए कहा है, अन्यथा वे उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए कदम उठाएंगे.
डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति येओल की मार्शल लॉ घोषणा संविधान का साफ तौर पर खुला उल्लंघन है. इसके ऐलान के लिए किसी भी जरुरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. उनकी ओर से मार्शल लॉ का ऐलान किया जाना मूल रूप से अमान्य थी और संविधान का गंभीर उल्लंघन भी. ऐसे में उनके महाभियोग के लिए एकदम सही आधार प्रदान करता है.”
कोरियाई संसद में नंबर गेम
राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए संसद के दो-तिहाई या 300 में से 200 सदस्यों के समर्थन की जरुरत होगी. नेशनल असेंबली के अधिकारियों के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य छोटे विपक्षी दलों के पास कुल मिलाकर 192 सीटें हैं. लेकिन जब संसद ने 190-0 वोट से राष्ट्रपति के मार्शल लॉ के ऐलान को खारिज किया तो राष्ट्रपति की सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के करीब 10 सांसदों ने भी इसके खिलाफ वोट किया था.
अगर राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लगाया जाता है, तो संवैधानिक न्यायालय द्वारा उन पर फैसला होने तक उनकी संवैधानिक शक्तियां छीन ली जाएंगी. दक्षिण कोरियाई सरकार में नंबर 2 पद पर काबिज प्रधानमंत्री हान डक-सू, उनकी जगह राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां संभालेंगे.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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