दुनियां – ईरान पर अटैक करना इजराइल को पड़ सकता है भारी…फेल हो सकते हैं ‘ब्रह्मास्त्र’! – #INA

मिडिल ईस्ट में कई मोर्चों पर जंग लड़ रहे इजराइल को रॉकेट और मिसाइल इंटरसेप्टर की संभावित कमी का सामना करना पड़ रहा है. एक साल से गाजा में जारी जंग और हिजबुल्लाह के खिलाफ संघर्ष के बीच एक ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
पूर्व सैन्य अफसरों और एक्सपर्ट्स के हवाले से फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया है कि वॉशिंगटन इस समस्या से निपटने के लिए इजराइल की मदद करने में जुटा है. इसी के चलते अमेरिका ने THAAD मिसाइल डिफेंस सिस्टम भेजा है. लेकिन इजराइल को इसका इस्तेमाल करने से पहले अपनी प्राथमिकता तय करनी होगी कि उसे किस हमले को रोकना है.
ईरान का अगला वार झेल नहीं पाएगा इजराइल?
पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारी डाना स्त्रॉल का कहना है कि इजराइल के सैन्य हथियारों का मुद्दा गंभीर है. अगर इजराइल के संभावित हमले का ईरान फिर जवाब देता है और हिजबुल्लाह भी इसमें शामिल होता है तो इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि इनकी सप्लाई असीमित नहीं है और अमेरिका एक साथ इजराइल और यूक्रेन को इतनी बड़ी मात्रा में लगातार हथियार सप्लाई नहीं कर सकता है.
एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इंटरसेप्टर की कमी
वहीं इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के CEO बोज लेवी का कहना है कि उनकी कुछ यूनिट्स हफ्ते में सातों दिन 24 घंटे उत्पादन में लगी हुई हैं, जिससे अपने दायित्वों को पूरा कर सकें. IAI मिसाइल इंटरसेप्टर बनाती है जिसका इस्तेमाल इजराइल अपने एयर डिफेंस सिस्टम में करता है.
इजराइल ने अपनी सुरक्षा के लिए इन एयर डिफेंस सिस्टम की मल्टी लेयर्ड तैनाती कर रखी है. इजराइल का आयरन डोम जो कि शॉर्ट रेंज मिसाइलों को इंटरसेप्ट (हवा में नष्ट) करता है, डेविड्स स्लिंग मीडियम रेंज की मिसाइलें और एरो सिस्टम लॉन्ग रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने का काम करता है.
हजारों मिसाइलें इंटरसेप्ट कर चुका है इजराइल
पिछले साल 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजराइल पर हमला किया था, तब से अब तक गाजा और लेबनान की ओर से 20 हजार से अधिक मिसाइलें और रॉकेट इजराइल की ओर दागे जा चुके हैं. सैन्य डाटा के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मिसाइलें और रॉकेट जो रिहाइशी इलाकों पर गिरने वाले थे उन्हें एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर चुका है.
इसके अलावा ईरान भी इजराइल पर दो बार सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर चुका है. पहला हमला अप्रैल में हुआ था वहीं दूसरा अटैक एक अक्टूबर को हुआ. ईरान की सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों को वह अमेरिका और सहयोगियों की मदद से इंटरसेप्ट करने में कामयाब रहा लेकिन इसके बाद इजराइल ने बदला लेने की कसम खाई है.
हिजबुल्लाह का खतरा बरकरार!
वहीं IDF के पूर्व जनरल अस्साफ ओरियन का कहना है कि हिजबुल्लाह ने अभी इजराइल पर पूरी ताकत के साथ हमला नहीं किया है. ओरियन के मुताबिक हिजबुल्लाह अपनी लॉन्चिंग कैपिसिटी का 10 फीसदी इस्तेमाल ही कर रहा है. वह एक दिन में 2000 मिसाइलें दागने की क्षमता रखता है लेकिन फिलहाल वह 100-200 मिसाइलों से ही हमला कर रहा है. ओरियन ने फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए कहा है कि इसकी मुख्य वजह है कि हिजबुल्लाह इजराइल के साथ बड़ी जंग नहीं चाहता है, लेकिन हिजबुल्लाह के पास अब भी मजबूत संचालन की क्षमता बाकी है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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