दुनियां – US Elections: डोनाल्ड ट्रंप का होगा ये आखिरी कार्यकाल, जानिए इसकी वजह – #INA

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे. उन्हें 538 सीटों में से 267 सीट मिली हैं. 270 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने में महज 3 वोट ही वो दूर है. जबकि कमला को 224 सीट हासिल हुई हैं. कमला कड़ी टक्कर देने के बावजूद चुनाव लगभग हार चुकी हैं. यही नहीं पॉपुलर वोट भी सबसे ज्यादा ट्रंप के हिस्से ही आई हैं.
इसके साथ ही ट्रंप अमेरिका के ऐसे राष्ट्रपति की लिस्ट में शामिल हो गए हैं जिन्हें व्हाइट हाउस में बैठने का दूसरा मौका मिला है. मगर यहां ये भी बात ध्यान देने वाली है कि ट्रम्प का ये आखिरी कार्यकाल होगा. अगली बार वो राष्ट्रपति चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. क्योंकि अमेरिका में बस कोई दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है. और ट्रंप 2017-2021 तक एक टर्म के लिए राष्ट्रपति रह चुके हैं.
पहले तय नहीं था राष्ट्रपति का कार्यकाल
यूएस में कोई शख्स अधिकतम कितने बार राष्ट्रपति बन सकता है ये बहुत बाद में जाकर तय हुआ. अमेरिका में पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंटन ने दो टर्म के बाद रिटायरमेंट ले लिया था. उसके बाद ये अनौपचारिक नियम जैसा बन गया कि दो टर्म तक के लिए ही प्रेसिडेंट की कुर्सी पर बैठना है. 31 अमेरिकी राष्ट्रपति इसका पालन करते रहे.
फिर 1932 में फ्रैंकलिन रूजवेल्ट अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति चुनकर आए. 1936 में फिर से राष्ट्रपति बने. उस वक्त ग्रेट डिप्रेशन और द्वितिय विश्वयुद्ध को देखते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी ने 1940 और 1944 में भी रूजवेल्ट को उतारा और वो जीते भी.
हालांकि वे अपना चौथा टर्म पूरा नहीं कर पाए. 12 अप्रैल 1945 को रूजवेल्ट की मृत्यु हो गई. 1946 में रिपब्लिकन पार्टी की वापसी हुई. अमेरिकी इतिहास में फ्रैंकलिन रूजवेल्ट इकलौते शख्स है जो लगातार तीन बार राष्ट्रपति चुने गए.
22वें संशोधन ने तय किया दो टर्म का नियम
1947 में हूवर कमीशन की सिफारिश पर आखिरकार, अमेरिकी संविधान में 22वां संशोधन हुआ 27 फरवरी 1951 को. इस एक संशोधन ने अमेरिका में राष्ट्रपति के कार्यकाल की अधिकतम सीमा 8 साल (यानी दो टर्म) तय कर दी, जो आज भी जारी है. इससे सत्ता का केंद्रीकरण नहीं होता, नए नेता और विचारधाराएं सामने आती रहती हैं.
हालांकि अगर कोई राष्ट्रपति मिड टर्म में कुर्सी छोड़ देता है तो नियम थोड़े अलग है. इस स्थिति में अगर राष्ट्रपति का टर्म दो साल से कम है तो वो और दो टर्म के लिए राष्ट्रपति बन सकता है लेकिन अगर टर्म दो साल से ज्यादा रहा तो नेता केवल एक बार और राष्ट्रपति चुनकर आ सकता है.
1951 के बाद दो दफा राष्ट्रपति बनने वाले नाम
1951 के संशोधन से सीधे प्रभावित होने वाले पहले राष्ट्रपति थे रिपब्लिकन नेता ड्वाइट डी आइजेनहॉवर. वे 1953 से 1961 तक लगातार दो कार्यकाल राष्ट्रपति रहे. बाद में, 22वें संशोधन के नियमों के तहत तीसरी बार प्रेसिडेंट की दौड़ में शामिल होने से उन्हें रोक दिया गया.
1981 से 1988 तक फिर रिपब्लिकन नेता रोनाल्ड रीगन ने अमेरिका के सबसे ताकतवर पद की बागडोर लगातार दो टर्म संभाली. राष्ट्रपति बनने के 70 दिन बाद ही रीगन पर गोली चली थी. इस हमले में वो बाल-बाल बच गए थे.
रीगन के बाद डेमोक्रेट नेता बिल क्लिंटन ने प्रेसिडेंट के तौर पर दो कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरे किए. उनका कार्यकाल 1993 से 2001 तक रहा. थियोडोर रूज़वेल्ट और जॉन एफ केनेडी के बाद वे अमरीका के तीसरे सबसे युवा राष्ट्रपति के तौर पर याद किए जाते हैं.
रीगन के बाद रिपब्लिकन नेता जॉर्ज डब्ल्यू बुश को भी दो टर्म हासिल हुआ. वो 2001 से 2008 तक इस पद पर काबिज रहे. इस कड़ी में आखिरी नाम डेमोक्रेट नेता बराक ओबामा का है, जो 2008 से 2016 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे.
अब डोनाल्ड ट्रंप भी इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं जिन्हें दो बार अमेरिका की सबसे ताकतवार पद की जिम्मेदारी संभालने के मौका मिलेगा.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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