वैशाली जिला में चार एकड़ में बनेगा फिश मॉल, मॉल में मछलियों की विभिन्न किस्म की होगी बिक्री और लगेगी प्रदर्शनी
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार ।
वैशाली /हाजीपुर/बरेला। जिलाधिकारी ने मत्स्य पदाधिकारी और गोरौल के अंचलाधिकारी को शीघ्र जमीन चिन्हित करने का दिया निर्देश, जिलाधिकारी ने दर्जनों विभागों के कार्यों की समीक्षा की।
हाजीपुर, 4 फरवरी। मुख्य सचिव स्तरीय समीक्षा बैठक के तुरंत बाद जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने दर्जनों विभागों के कार्यों की समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी और गोरौल के अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे फिश (मत्स्य) मॉल के निर्माण के लिए शीघ्र जमीन चिन्हित कर रिपोर्ट दें। फिश मॉल का निर्माण चार एकड़ भूमि पर होना है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिला में फिश मॉल के निर्माण हो जाने से न केवल मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अन्य लोगों को भी इसमें रुचि बढ़ेगी। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। फिश मॉल के बन जाने से रोजगार के अवसर में भी वृद्धि होगी। जिले भर में मछली पालन से जुड़े व्यवसायियों को एक मंच मिलेगा, जहां वे अपनी उत्पादों को बेच सकेंगे। मछलियों की विभिन्न प्रजातियों की प्रदर्शनी और बिक्री से पर्यटक भी आकर्षित होंगे।
सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने धान की अधिप्राप्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया। समीक्षा क्रम में ज्ञात हुआ कि लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक 52% धान की अधिप्राप्ति हुई है।
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लंबित ई KYC
तथा लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन किया जाए।
पंचायती राज विभाग की समीक्षा के क्रम में पंचायत सरकार भवनों के निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट अधिष्ठापन के कुल लक्ष्य 41040 के विरुद्ध 15013 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया जा चुके हैं। शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति करने का निर्देश दिया गया।
ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा के क्रम में बताया गया की 171 पंचायतों में खेल मैदान का निर्माण कराया जा रहा है। बताया गया कि महुआ, लालगंज, बिदुपुर, पातेपुर, सहदेई बुजुर्ग और जंदाहा प्रखंड सह अंचल कार्यालय एवं आवासीय भवन का जीर्णोद्धार कर कराया जा रहा है।
बैठक में उप विकास आयुक्त श्री कुंदन कुमार के साथ जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला वन पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सहित कई अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी शामिल रहे।