देश- रेप के दोषी को 10 दिनों में मौत की सजा, विधानसभा में बिल पेश करेंगी ममता, जानें क्यों मचा है बवाल – Hindi News | Kolkata Rape murder case Mamata Banerjee West Bengal Assembly Bill convict capital Punishment BJP- #NA
कोलकाता रेप केस और सीएम ममता बनर्जी.
पश्चिम बंगाल में बलात्कारियों के लिए अलग से मृत्युदंड देने के ममता बनर्जी की सरकार विधानसभा में विधेयक पेश करेगी. इस विधेयक को ममता बनर्जी की सरकार को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. यह बिल पश्चिम बंगाल विधानसभा के दो दिनों के विशेष सत्र में पारित किया जाएगा और बाद में मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. इस मुद्दे पर भारी विवाद सामने आ गया है और राजनीति भी शुरू हो गई है.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर केस के बाद 28 अगस्त को ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि दो दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा, जहां राज्य सरकार बलात्कारी को मौत की सजा पर बलात्कार विरोधी कानून पारित करेगी. दो सितंबर को सत्र शुरू हो रहा है. दो दिवसीय सत्र के दौरान यह बिल पेश किया जाएगा.
एंटी रेप बिल क्यों पेश कर रही हैं ममता?
- इस कानून को पारित करने का मुख्य उद्देश्य अभियोजन और निर्णय की प्रक्रिया को तेज करना है.
- ममता बनर्जी और उनकी सरकार आरोपी बलात्कारी को10 दिन के अंदर फांसी की सजा देना चाहती है.
- ममता चाहती हैं किअपराध घटित होने यादोषी साबित होने के10 दिनों के भीतर मुकदमा चलाया जाए.
- पश्चिम बंगाल सरकार की कैबिनेट बैठक में बिल के मसौदे को मंजूरी मिल चुकी है.
- बिल 2 और 3 सितंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में पारित किया जाएगा.
एंटी रेप बिल के ड्राफ्ट में क्या है?
- बलात्कार या बलात्कारऔर हत्या के मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो
- बलात्कारी औरब लात्कारी की शीघ्र चिकित्सीय जांच.
- दोषसिद्ध हो जाने पर तत्काल मृत्युदंड.
- राज्य को मृत्युदंड का अलग अधिकार.
- केंद्र को बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई को भी फास्ट ट्रैक प्रक्रिया में बदलना चाहिए.
एंटी रेप बिल पर मचा बवाल
कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील अरुणाभ घोष के अनुसार, राज्य सरकार के लिए राज्य में मृत्युदंड पर कानून लाने का कोई प्रावधान नहीं है. यह केवल लोकसभा और राज्यसभा के माध्यम से ही किया जा सकता है, जिसे फिर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किया जा सकता है, ममता बनर्जी जो कुछ भी कर रही हैं वह सिर्फ राजनीति के लिए है. इस विधेयक की कोई मान्यता और निर्णय करने का अधिकार नहीं है. राजनीतिक फायदे के अलावा इस बिल का कोई भविष्य नहीं है.
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पश्चिम बंगाल में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने टीवी9 भारतवर्ष को बताया कि राज्य सरकार के पास राज्यवार मृत्युदंड पर इस तरह का कानून लाने का कोई प्रावधान नहीं है. देश के लिए कानून लाना केंद्रीय सदन का काम है. राजनीतिक फायदे के लिए ममता सारा ड्रामा कर रही हैं.
इनपुटः रवि शंकर
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