देश – एक्ट्रेस की किडनैपिंग, सड़क पर यौन शोषण; आखिर क्यों बनी थी हेमा कमेटी, 5 साल दबाकर रखी रिपोर्ट – #INA

Hema committee Report: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की चमक-धमक के पीछे एक कड़वी सच्चाई छिपी हुई है जो सामाजिक कार्यकर्ताओं की कई सालों की मेहनत के बाद अब सबके सामने आई है। यह सच्चाई हेमा समिति की रिपोर्ट में सामने आई है, जिसने इस इंडस्ट्री में व्याप्त यौन शोषण और अमानवीय कार्य परिस्थितियों को उजागर किया है। यह रिपोर्ट उन महिलाओं की आवाज है, जिन्होंने इस इंडस्ट्री में अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष किया, लेकिन बदले में उन्हें अपमान, शोषण और दर्द का सामना करना पड़ा।

साल 2017 में गठित तीन सदस्यीय न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट 19 अगस्त, 2024 को जारी की गई। इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ भेदभाव, शोषण और यौन उत्पीड़न की चौंकाने वाली भयावह कहानियां हैं। दिसंबर 2019 में समिति द्वारा केरल सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट को सीमित संशोधनों के साथ जारी किया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि अभी भी पूरी रिपोर्ट जारी नहीं की गई है, केवल आधे से ज्यादा पन्ने ही जारी किए गए हैं।

एक्ट्रेस की किडनैपिंग, सड़क पर यौन शोषण

हेमा समिति का गठन एक ऐसी घटना के बाद हुआ, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। 2017 में एक प्रसिद्ध मलयालम अभिनेत्री भावना का अपहरण कर उनके साथ कई घंटे तक कोच्चि की सड़कों पर यौन शोषण किया गया। इस घटना ने फिल्म उद्योग में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर बड़े सवाल खड़े कर दिए।

कार्तिका मेनन को मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भावना नाम से जाना जाता है। उन्होंने 2002 में एक किशोरी के रूप में अपनी फिल्मी यात्रा शुरू की। दशक के अंत तक, उन्हें मलयालम सिनेमा की सबसे प्रमुख और भरोसेमंद अभिनेत्रियों में गिना जाने लगा। हालांकि, फरवरी 2017 में, भावना को एक चलती गाड़ी में पुरुषों के एक गिरोह ने किडनैप कर लिया। दो घंटो तक उन्हें एक कार में कोच्चि की सड़कों पर घुमाया गया। वह एक शूटिंग से लौट रही थीं। कार में उसके साथ यौन शोषण किया गया। उसके बाद किडनैपर भावना को सड़क पर फेंक कर भाग गए। पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू की तो हैरान रह गई। घटना में शामिल किडनैपर पकड़े गए और इसमें मुख्य आरोपी के रूप में मलयालम सुपरस्टार दिलीप का नाम सामने आया।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, दिलीप का एक्ट्रेस काव्य माधवन से अफेयर चल रहा था। भावना ने ये बात दिलीप की पत्नी और प्रसिद्ध एक्ट्रेस मंजू वारियर को बता दी। इस बात का बदला लेने के लिए दिलीप ने कथित तौर पर गुंडों से भावना का यौन शोषण कराया। जुलाई 2017 में, दिलीप को केरल पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि बाद में अभिनेता को जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन मामला जारी रहा। पूरी फिल्म इंडस्ट्री दिलीप के पक्ष में खड़ी हो गई। भावना को फिल्म इंडस्ट्री बैन कर दिया। घटना से आहत भावना पांच साल के लिए इंडस्ट्री से अलग रहीं और 2022 में वापसी की।

फिर बनी हेमा कमेटी

इस घटना के बाद, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कई महिलाएं सामने आईं और उन्होंने अपने साथ हो रहे अन्याय, शोषण और दुर्व्यवहार की कहानियां साझा कीं। रिटायर्ड हाईकोर्ट जज के. हेमा, पूर्व अभिनेता शारदा और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के.बी. वलसाला कुमारी वाली हेमा समिति का गठन 2017 में किया गया। केरल स्थित वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (डब्ल्यूसीसी) की याचिका के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न और लैंगिक असमानता के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया था। हेमा कमीशन ने 2017 से लेकर 2018 तक अनेकों महिला एक्ट्रेस से पूछताछ की, गहन अध्ययन और जांच पड़ताल की। 2019 में कमीशन ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।

रिपोर्ट में इतने गंभीर मामलों का जिक्र किया गया था कि जिन्हें पढ़कर केरल सरकार भी हिल गई। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की इज्जत बचाने के लिए सरकार ने हेमा कमेटी की रिपोर्ट को सील कर दिया। लेकिन सामाजिक संगठनों ने हार नही मानी और कई वर्षों की लड़ाई के बाद सरकार ने दबाव में आकर रिपोर्ट जारी की है। अभी भी ऐसा दावा किया जा रहा है कि सरकार ने पूरी रिपोर्ट जारी नहीं की है। अभी भी रिपोर्ट के कई दर्जन पन्ने छिपाकर रखे गए हैं।

क्या कहती है हेमा कमेटी की रिपोर्ट?

हेमा कमेटी की रिपोर्ट में ऐसे खुलास हैं जिन्हें जानकर पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम देने के बदले सेक्स की डिमांड की जाती है। यहां जानकर हैरानी होगी कि इसका शिकार केवल एक्ट्रेस ही नहीं बल्कि हर स्तर पर काम करने वाली महिलाएं होती हैं। सेक्स डिमांड को एक सिस्टम की तरह संचालित किया जाता है। अगर कोई भी एक्ट्रेस काम मांगने आती है तो उससे काम देने के बदले सेक्स फेवर मांगा जाता है। अगर कोई एक्ट्रेस मना करती थी तो उसे काम नहीं मिलता था। जो एक्ट्रेस मान जाती तो उसे एक सीक्रेट कोड दिया जाता और महिला को फिल्मों में काम चाहिए तो यही सीक्रेट कोड बताकर उसे काम मिलता। ऐसी कई घटनाओं का इस रिपोर्ट में जिक्र है।

इस बीच हेमा समिति की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अभिनेता मोहनलाल ने शनिवार को कहा कि उठाए गए सवालों के लिए पूरा उद्योग जवाबदेह है, लेकिन कलाकारों के संगठन को निशाना बनाया जा रहा है और हर चीज के लिए उसे दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मलयालम सिनेमा बहुत बड़ा उद्योग है, जहां हजारों लोग काम करते हैं और कलाकारों का संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट’ (एएमएमए) वहां उठने वाले हर मुद्दे का समाधान नहीं कर सकता। अभिनेता ने संवाददाताओं से कहा कि सिनेमा समाज का हिस्सा है और जो अन्य जगहों पर हो रहा है, वही उद्योग में भी हो रहा है।

यह पहली बार है कि एएमएमए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले मोहनलाल समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिला पेशेवरों के कथित उत्पीड़न और शोषण पर प्रकाश डाला गया है। मोहनलाल ने कहा कि न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद लगाए गए आरोपों के मद्देनजर उनकी अध्यक्षता वाले संगठन की कार्यकारी समिति के सदस्यों ने हाल में इस्तीफा दे दिया।

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