Bhu Aadhaar: क्या है भू-आधार, जिसके होने से कोई नहीं कर पाएगा आपकी जमीन पर कब्जा, होंगे ये फायदे! #INA
Bhu Aadhaar: देश में गांव हो या शहर सबसे ज्यादा विवाद प्रॉपर्टी को लेकर ही समाने आते हैं. कई मामलों में दबंग लोग गरीबों और किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा कर लेते हैं. कई बार ऐसा भी देखा गया कि लोग जमीन तो खरीद लेते हैं पर वहां रहते नहीं हैं और कोई और शख्स उनकी जमीन पर कब्जा कर लेता है, लेकिन अब ऐसे मामलों पर लगाम लगेगी, क्योंकि अब देश में जल्द ही एक और आधार कार्ड बनाया जाएगा. इसका नाम भू आधार होगा. क्या है भू आधार, कैसे बनेगा और इसके क्या होंगे फायदे? जानें
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क्या है भू-आधार? (What is Bhu Aadhaar)
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जिस तरह से आज आधार कार्ड आज हर व्यक्ति की पहचान से जुड़ा एक जरूरी डॉक्यूमेंट बन गया है. उसके बिना लगभग सभी जरूरी काम नहीं हो सकते हैं. उस तरह भू-आधार से जमीनों को भी विशिष्ट पहचान मिलेगा. जमीन रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन के तहत आम बजट में इसे प्रस्तावित किया गया है.
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आपकी जमीन को 14 डिजिट का एक यूनिक लैंड पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर (UPIN) नंबर दिया जाएगा. आप इसे जमीन आधार नंबर भी कह सकते हैं.
भू-आधार में क्या होगी जानकारी? (Bhu-Aadhaar information)
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भू-आधार में जमीन का मालिक कौन है. जमीन का एरिया कितना है. जमीन की नक्शे पर सटिक लोकेशन और उसके आस-पास किसकी-किसकी बाउंड्रीज् हैं.
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जमीन की सैटेलाइट जियोटैगिंग के हिसाब से मैपिंग भी की जाएगी. साथ ही भूमि किस प्रकार की है इस प्रकार की जानकारी इस भू-आधार कार्ड में दर्ज होंगी.
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साथ ही भू आधार कार्ड में ये भी रिकॉर्ड होगा कि ये भी शहरी है या फिर कृषि. ऐसा होने से जमीन को लेकर होने वाली बड़ी दुविधाएं दूर हो जाएंगी.
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भू-आधार से क्या होंगे फायदे (Bhu-Aadhaar Benefits)
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भू-आधार के जरिए जमीन से जुड़ी जरूरी जानकारियां बस एक क्लिक में ही मिल जाएंगी.
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जमीन का असली मालिक कौन हैं ऐसी जरूरी जानकारी बस चुटकियों में ही मिल जाएगी.
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भू आधार का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि आपकी जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं कर पाएगा.
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साथ ही जमीन के मुआवजे के मामलों के निपटारे में भी तेजी आएगी.
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जमीन विवाद से जुड़े मामलों में जबरदस्त रूप से गिरावट आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं.
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कैसे बनेगा भू-आधार (Bhu-Aadhaar Making Process)
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भू आधार बनाने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है. इसे पूरी तरह से लागू करने में तीन साल का समय लगने की बात कही जा रही है. सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों को फाइनेंशियल हेल्प भी देगी.
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भू आधार कार्ड बनवाने के लिए आपको अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायत कार्यालय या पंचायत समिति में संपर्क करना होगा.
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आपको भू आधार आवेदन करने के लिए अपनी जमीन से संबंधित सारे दस्तावेज और भूमि मालिक के डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी.
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इसके बाद पंचायत कार्यालय या पंचायत समिति आपकी भूमि की जांच की जाएगी. इसमें जीपीएस टेक्नीक की मदद ली जाएगी. जमीन का जिओ टैग भी किया जाएगा. इसके बाद पंचायत आपको भू आधार कार्ड बनाकर दे देगी.
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इस भू-आधार कार्ड पर जमीन की पहचान के लिए 14 अंकों की पहचान संख्या दर्ज होगी. इस तरह आपकी जमीन को एक पुख्ता पहचान मिल जाएगी.
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