मैं ADG बोल रहा हूं…हिमाचल के DGP की सास को आया बिहार से फोन, हिल गया पुलिस प्रशासन #INA

बिहार में साइबर फ्रॉड का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने ADG सहित पूरे प्रशासन को हिलाकर रख दिया. इस बार साइबर ठगों ने खुद को बिहार का ADG बताकर बड़ा हाथ मारने की कोशिश की है. साइबर अपराधियों ने स्वयं को बिहार का एडीजी बताकर हिमाचल प्रदेश के DGP की सास के पास फोन घुमा दिया. वहीं हद तो तब हो गई जब उन्होंने पुलिस अधिकारी की सास पर घर बेचने का दबाव बनाया. इस मामले के खुलासे के बाद से बिहार पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया.

कैसे संज्ञान में आया मामला

मिली जानकारी के अनुसार आरोपी ने हिमाचल में डीजीपी की सास को फोन कर अपनी पहचान बिहार का एडीजी कमल किशोर बतायी थी. आरोप है कि युवक ने कई बार इस नाम से फोन कर उनपर घर बेचने का दबाव बनाया था. इसके बाद पुलिस अधिकारी की सास ने अपने दामाद से इस बात की शिकायत की, जिसके बाद इस बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ. बताया जा रहा है कि डीजीपी ने बिहार के एडीजी को इस बात की सूचना दी जिसके बाद एडीजी ने खुद केस दर्ज करवाया.

एक्शन में पटना पुलिस 

जैसे ही पटना में FIR दर्ज हुई वैसे ही पुलिस ऐक्शन मोड में आ गई. पूरे मामले की छानबीन के बाद आरोपी की पहचान हो गई है. पुलिस ने बताया कि युवक का नाम प्रमोद कमार है. पटना के साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है. फिलहाल, इस मामले में अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाने के लिए सीडीआर निकाली जा रही है. पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही इस साइबर ठग को गिरफ्तार कर आगी की कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि हमारे देश में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहें है. इन बढ़ते मामलों के देखते हुए हमारी सरकार भी हरकत में आने लगी है. सरकार ने ऐसी फ्रॉड इंटरनेशनल कॉल्स पर रोक लगाने के सिस्टम में कई नए बदलाव कर रही है. सरकार के यह बदलाव लोगों को अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड कॉल्स से बचाने में मदद करेगा.

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इंटरनेशनल कॉल्स पर रोक लिए यह सिस्टम अपना रही सरकार

देश में लगातार बढ़ रहें इंटरनेशनल फ्रॉड कॉल्स को रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. इसके लिए सरकार के टेलीकॉम विभाग ने PSIICS (Prevention of Spoofed Incoming International Call System) पर काम करना शुरू कर दिया है. सरकार को यह सिस्टम को बनाने में करीब 50 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे. लेकिन अभी सरकार के इस सिस्टम को बनने में लगने वाले समय का पता नहीं है. मतलब यह सिस्टम कितने दिनों में बनकर तैयार हो जाएंगा अभी इसकी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है. लेकिन हमारी जानकारी के अनुसार यह सिस्टम तैयार होने के बाद लोगों को फ्रॉड कॉल्स से राहत जरूर दे पाएगा.

 

 


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