देश- हुड्डा को फ्रीहैंड, सुरजेवाला पर कंट्रोल…कांग्रेस की पहली लिस्ट से निकले ये 5 बड़े संदेश- #NA
भूपिंदर हुड्डा, राहुल गांधी, रणदीप सुरजेवाल
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 32 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. सूबे में पार्टी के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक की गढ़ी सांपला किलोई सीट से चुनाव लड़ेंगे. उनके खिलाफ बीजेपी ने मंजू हुड्डा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, शुक्रवार को ही कांग्रेस में शामिल हुईं पहलवान विनेश फोगाट को उनकी ससुराल जुलाना से टिकट मिला है. पार्टी ने कुरुक्षेत्र की लाडवा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ मेवा सिंह को टिकट दिया है.
सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा के 4 समर्थक विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है. लोकसभा चुनाव हारने वाले राव दान सिंह को महेंद्रगढ़ सेउम्मीदवार बनाया गया है. 2019 का चुनाव हारे सिर्फ एक नेता और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान पर फिर भरोसा जताया गया है. रेवाड़ी से लालू के दामाद और 2 बार से विधायक चिरंजीव राव को भी चुनावी अखाड़े में उतारा गया है. कांग्रेस की इस लिस्ट से एक बात तय हो गई है कि उसने सभी वर्गों को साथ लिया और किसी भी तरह की पार्टी में उथल-पुथल न हो इसके लिए सियासी समीकरण बैठाए हैं. पार्टी की इस सूची से 5 बड़े संदेश निकले हैं.
कांग्रेस में न हो बीजेपी जैसा माहौल
कांग्रेस की पहली लिस्ट आने के बाद भगदड़ जैसा माहौल दिखाई नहीं दे रहा है. सभी 28 विधायकों को टिकट दिया गया है. पार्टी बिल्कुल नहीं चाहती है कि विधायकों का टिकट काटकर बीजेपी जैसी स्थिति हो. बीजेपी ने अभी हाल ही में 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, जिसमें 40 सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए. इस बदलाव के बाद पार्टी में बगावत का बिगुल बज गया. बीजेपी के कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी और कुछ ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.
हरियाणा के बिजली मंत्री और रानिया से विधायक रंजीत चौटाला ने टिकट न मिलने पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और साफ कर दिया कि वह चुनाव लड़ेंगे. बगावत करने वाले प्रमुख नेताओं में मंत्री व इंद्री विधायक करण देव कंबोज, मंत्री व बवानीखेड़ा विधायक बिशंभर वाल्मीकि, रतिया विधायक लक्ष्मण नापा, सोनीपत से पूर्व मंत्री कविता जैन, महम से शमशेर खरकड़ा, बाढड़ा से सुखविंदर श्योराण और हिसार से गौतम सरदाना शामिल हैं. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि नाराजगी होना स्वाभाविक है क्योंकि कई उम्मीदवारों में से केवल एक को ही टिकट दिया जा सकता है.
भूपेंद्र हुड्डा को फ्री हैंड
हरियाणा चुनाव की रणनीति बनाने में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को फ्री हैंड दिया ताकि समीकरण साधे जा सकें. पार्टी ने इस बार किसी भी सांसद को चुनावी मैदान में नहीं उतारा. हुड्डा ने अपने 24 करीबी विधायकों को टिकट दिया है. यही नहीं, विनेश फोगाट भी उनके करीबी लोगों में शामिल हैं. पार्टी ने कुमारी शैलजा कैंप के 4 समर्थकों को भी टिकट दिया. वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे तीन विधायकों को फिर से चुनावी अखाड़े में उतारा गया. प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रहा है. इन विधायकों में महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार और समालखा से धर्म सिंह छौक्कर शामिल हैं.
सुरजेवाला की सीट पर क्यों नहीं उतारा उम्मीदवार?
कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में रणदीप सिंह सुरजेवाला की सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया और न ही जिले की किसी भी सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं. सुरजेवाला के गृह जिले के अंतर्गत चार सीटें आती हैं, जिसमें कैथल, गुहला, कलायत और पुण्डरी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी ने ऐसा फैसला इसलिए लिया है कि सूबे में शीर्ष नेताओं के बीच में किसी भी तरह की खींचतान न हो. एक तरह से पार्टी सुरजेवाला पर कंट्रोल रखना चाहती है. वह चुनाव लड़ना चाहते हैं और पार्टी ने उनको लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं. वह अपने क्षेत्र में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं.
साल 2019 के विधानसभा चुनाव में सुरजेवाला ने कैथल से चुनाव लड़ा था. उन्हें बीजेपी के लीला राम ने टफ फाइट में हराया था. लीला राम को 72664 वोट मिले थे, जबकि रणदीप सुरजेवाला के खाते में 71418 वोट गए थे. सुरजेवाल 1246 वोटों के अंतर से हार गए थे. यही वजह है कि वह चाहते हैं कि उन्हें फिर से टिकट मिले.
कांग्रेस ने साधे जातीय समीकरण
कांग्रेस ने अपनी लिस्ट में जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा है. उसने जाट, मुस्लिम, ओबीसी, पंजाबियों को टिकट दिया है. पार्टी का ये कोर वोट बैंक भी माना जाता है. लिस्ट में 9 उम्मीदवार जाट समुदाय से हैं. अनुसूचित जाति से 9 और पिछड़ा वर्ग के 7 उम्मीदवारों को जगह दी गई है. वहीं 3 मुस्लिम, 2 ब्राह्मण, 1 सिख और एक पंजाबी शख्श को लिस्ट में जगह दी गई है. पार्टी ने 5 महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है. इनमें साढ़ौरा से रेनू बाला, नारायणगढ़ से शैली चौधरी, कलानौर से शकुंतला खटक, जुलाना से विनेश फोगाट और झज्जर से गीता भुक्कल शामिल हैं. वहीं, 3 मुस्लिम चेहरों में मामन खान, मुहम्मद इलियास, आफताब अहमद शामिल हैं.
फोगाट के जरिए सहानुभूति जताने का दांव
कांग्रेस ने पहलवान विनेश फोगाट को टिकट देकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की है. दरअसल, महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे. इसको लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़े पैमाने पर धरना दिया गया. इस प्रदर्शन में विनेश फोगाट भी शामिल थीं. बृजभूषण शरण सिंह लगातार कहते आए हैं कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. विनेश के कांग्रेस में जाने की अटकलें तभी से तेज हो गई थीं, जब वह पेरिस ओलंपिक से लौटीं, तो दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत करने के लिए पार्टी नेता दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे थे.
विनेश फोगाट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी मुलाकात की थी. मुलाकात करने के बाद हुड्डा का कहना था कि कांग्रेस उन सभी का स्वागत करती है जो पार्टी में शामिल होना चाहते हैं. एक एथलीट किसी विशेष पार्टी या राज्य से संबंधित नहीं होता है. एक एथलीट पूरे देश का होता है. यह उसकी मर्जी है कि वह किसी पार्टी में शामिल होती हैं. हुड्डा के बयान के बाद लगभग तय हो गया था कि वह कांग्रेस में शामिल होंगी. इसके बाद राहुल गांधी से उनकी मुलाकात ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया.
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