किस सूखे मेवे को भिगोकर खाना चाहिए और किसे नहीं? जानिए यहां सबकुछ #INA
Benefits Of Soaking Dry Fruits: सूखे मेवे हम सभी की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. ये हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व हमें देते हैं. इनसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज मिलते हैं, जो शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. लेकिन कई लोग इसे लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं कि किस सूखे मेवे को भिगो कर खाना चाहिए और किसे नहीं? क्या आप जानते हैं कि कुछ सूखे मेवे भिगोने पर उनके स्वास्थ्य लाभ और भी बढ़ जाते हैं? भिगोने से मेवों के अंदर के एंजाइम एक्टिव हो जाते हैं, जिससे पोषक तत्वों का Absorption बेहतर तरीके से होता है और उनका पाचन आसान हो जाता है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
मेवे को भिगोने से ये मिलते हैं फायदे
सूखे मेवे को भिगोने से ये नरम हो जाते हैं और उनके पोषक तत्व बेहतर तरीके से अब्जॉर्ब होते हैं. इससे पाचन में भी आसानी होती है और उनकी स्वादिष्टता बढ़ जाती है. भिगोने से मेवे में मौजूद एंजाइम्स Active हो जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य लाभ बढ़ जाते हैं. जानिए ऐसे कौन से मेवे हैं जिनको भिगोकर खाना चाहिए.
बादाम (Almonds)
यूं तो याददाश्त तेज करने के लिए बादाम खाने की सलाह अक्सर घर के बड़े हमें देते रहते हैं. इनमें स्वस्थ वसा, प्रोटीन, और जरूरी विटामिन्स की हाई मात्रा होती है. रातभर पानी में भिगोने से बादाम के एंजाइम सक्रिय होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं और विटामिन E और मैग्नीशियम की उपलब्धता बढ़ाते हैं. भिगोने से फाइटिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है, जो खनिजों के Absorption को रोकता है, जिससे पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है. भिगोए हुए बादाम चबाने में भी आसान होते हैं और पाचन के लिए ज्यादा अच्छे होते हैं.
किशमिश (Raisins)
किशमिश को भी भिगोकर खाना चाहिए. सूखे अंगूर होते हैं जो एनर्जी और प्राकृतिक मिठास से भरपूर होते हैं. इन्हें पानी में भिगोने से पाचन में लाभ होता है. भिगोने से किशमिश में दोबारा हाइड्रेशन होता है, जिससे इन्हें पचाना आसान हो जाता है और कब्ज से बचाव होता है. भिगोई हुई किशमिश का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जो रक्त शर्करा स्तर को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है.
अखरोट (Walnuts)
भिगोने से अखरोट की टैनिन सामग्री कम हो जाती है, जिससे उनका स्वाद कड़वा नहीं रहता और पाचन आसान होता है. अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स और जरूरी विटामिन्स से भरपूर होते हैं. भिगोने से फाइटिक एसिड भी Inactive हो जाता है, जिससे जिंक, आयरन, और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों का Absorption बेहतर होता है.
काजू (Cashews)
लोगों को लगता है कि काजू को भिगोने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन ऐसा नहीं होता है. काजू Relatively नरम और आसानी से पचने वाले होते हैं, भले ही वे कच्चे हों. इनमें फाइटिक एसिड की मात्रा कम होती है, इसलिए भिगोने से उनके पोषक तत्वों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता. इसके अलावा, काजू का मलाईदार बनावट सूखे रूप में ही Best रहती है.
कौन से सूखे मेवे भिगोने की जरूरत नहीं
पिस्ता (Pistachios): पिस्ता एक ऐसे मेवा है जिसे भिगोकर खाने की जरूरत नहीं होती है. इनमें फाइटिक एसिड की मात्रा कम होती है, जिससे उनके पोषक तत्व आसानी से उपलब्ध होते हैं. पिस्ता प्रोटीन, फाइबर, और स्वस्थ वसा से भरपूर होते हैं, और उनकी कुरकुरी बनावट ही उनकी खासियत है. भिगोने से पिस्ता की बनावट और स्वाद बदल सकता है, इसलिए इन्हें सूखे रूप में ही खाना सबसे अच्छा होता है.
खजूर (Dates): खजूर को भी बिना भिगाए आप खा सकते हैं. यह पहले से ही नरम और मीठे होते हैं, और भिगोने से उनके स्वाद में कोई विशेष अंतर नहीं आता.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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