देश – पहले इनेलो, फिर जेजेपी ने मारी बाजी; 15 साल बाद कांग्रेस की किस्मत बदल पाएंगी जुलाना की बहू विनेश फोगाट? – #INA

Julana Seat: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में जुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने मशहूर महिला पहलवान विनेश फोगाट को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। यह फैसला राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा का विषय बन गया है। विनेश फोगाट एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध पहलवान हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन किया है।

विनेश का जुलाना से क्या रिश्ता?

विनेश फोगाट पहली बार चुनाव लड़ रही हैं और इसकी शुरुआत वह अपने ससुराल से ही कर रही हैं। विनेश फोगाट हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बलाली गांव की मूल निवासी हैं। उन्होंने 2018 में साथी पहलवान सोमवीर राठी से शादी की थी, जो हरियाणा के जींद जिले के बख्ता खेड़ा गांव से हैं। यह गांव जुलाना विधानसभा क्षेत्र में आता है। यह जाट बहुल इलाका है। सोमवीर राठी के पिता राजपाल एक पूर्व सैनिक हैं और 2000 से 2005 तक गांव के सरपंच भी रहे। कुछ साल पहले, परिवार ने सोनीपत जिले के पड़ोसी खरखौदा शहर में एक घर खरीदा था ताकि सोमवीर और फोगाट वहां कुश्ती की प्रैक्टिस कर सकें।

जुलाना सीट पर कांग्रेस का 15 साल से सूखा

जुलाना विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार 2005 में जीत हासिल की थी। कांग्रेस के शेर सिंह ने 2000 और 2005 में लगातार दो बार जुलाना विधानसभा से जीत हासिल की थी। तब से ये क्षेत्र इंडियन नैशनल लोकदल (INLD) और फिर जननायक जनता पार्टी (JJP) का गढ़ बन गया। परंपरागत रूप से ग्रामीण जुलाना सीट चौटाला का गढ़ रही है। 2009 और 2014 में ओम प्रकाश चौटाला की अगुआई वाली इनेलो ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 2019 में इनेलो के टूटने के बाद अलग हुए जेजेपी गुट ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस पिछले चुनावों में तीसरे और दूसरे नंबर पर रही, लेकिन इस बार उसका किस्मत खुल सकती है।

जाट वोटों को साधने की कोशिश

दरअसल फोगाट को साथ लाकर कांग्रेस पार्टी जाट वोटों को एकजुट करने के अलावा महिलाओं, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच अपना समर्थन आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हरियाणा की राजनीति में जाट समुदाय का बड़ा प्रभाव है, और जुलाना क्षेत्र जाट बहुल है। विनेश फोगाट खुद जाट समुदाय से आती हैं, जिससे इस समुदाय के बीच उनकी स्वीकृति और समर्थन की संभावना बढ़ जाती है। क्षेत्रीय समीकरण और जातिगत गणित को देखते हुए, कांग्रेस ने एक जाट उम्मीदवार को चुनकर इस समुदाय के वोटों को साधने की कोशिश की है। इसके अलावा, खेल की दुनिया में उनकी सफलता और जुझारू व्यक्तित्व ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया है। जुलाना जैसे ग्रामीण क्षेत्र में खेलों से जुड़ी महिला उम्मीदवार का होना एक बड़ा सकारात्मक पहलू हो सकता है, जो युवा पीढ़ी और खेल प्रेमियों को प्रेरित करेगा।

विरोधी दलों के सामने चुनौती

भाजपा और अन्य दलों के सामने विनेश फोगाट का चुनावी मैदान में उतरना एक बड़ी चुनौती बन सकता है। उनकी लोकप्रियता और प्रतिष्ठा को चुनौती देना आसान नहीं होगा। साथ ही, उनके खेल में कामयाबी और राजनीतिक क्षेत्र में नई होने के कारण वह एक ताजगी भरा चेहरा पेश करती हैं, जो विरोधी दलों के उम्मीदवारों के लिए कठिन मुकाबला साबित हो सकता है। 2019 के चुनावों में भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। लेकिन चुनावों के बाद भाजपा ने जेजेपी के साथ गठबंधन किया। हालांकि पिछले पांच सालों में किसान आंदोलन का मुद्दा और फिर महिला पहलवानों की भाजपा सांसद व कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लड़ाई देखने को मिली। इसने निश्चित रूप से भाजपा के अलावा, उसकी सहयोगी रही जेजेपी के लिए भी मुश्किलें तो पैदा की हैं।

लोगों का विनेश के साथ भावनात्मक जुड़ाव

इंडियन एक्सप्रेस के बात करते हुए जुलाना के एक वोटर चाप सिंह राठी ने कहा कि “पेरिस ओलंपिक में विनेश को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब मतदाता इसका बदला लेना चाहते हैं।” पिछले महीने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक के लिए अपने अंतिम मैच से पहले फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, क्योंकि वह अपनी 50 किलोग्राम वजन कैटेगरी में मात्र 100 ग्राम अधिक पाई गई थीं। फोगाट की उम्मीदवारी से खुश उनके ससुर राजपाल कहते हैं, “उसकी शादी के समय हम सोच रहे थे कि वह एक दिन ओलंपिक में पदक जीत सकती है। लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि वह राजनीति में प्रवेश करेगी और नाम कमाएगी। हम स्वच्छ राजनीति में विश्वास करते हैं।” लोगों का मानना है कि उनके लिए सबसे बड़ी बात यह है कि अब सबको पता है कि विनेश की ससुराल किस गांव में है।

हरियाणवी समाज में परिवार और रिश्तों की अहमियत होती है, और इस तथ्य का फायदा विनेश के पक्ष में हो सकता है। उनके ससुराल के संबंध और इलाके के साथ गहरा जुड़ाव उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में पेश करता है। इसके अलावा, विनेश फोगाट की संघर्षशील कहानी और युवाओं में उनके प्रति आकर्षण कांग्रेस के लिए एक बड़ी पूंजी है। हरियाणा की युवा पीढ़ी खेल और खिलाड़ियों के प्रति आकर्षित है।

इन तमामों मुद्दों के बाद के कांग्रेस पार्टी ने विनेश फोगाट को जुलाना से उम्मीदवार बनाकर एक मजबूत और रणनीतिक फैसला लिया है। उनकी खेल जगत की प्रतिष्ठा, महिलाओं के सशक्तिकरण की छवि, स्थानीय संबंध और युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रियता कांग्रेस के लिए चुनावी समीकरण को बदल सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विनेश फोगाट अपने नए राजनीतिक सफर में किस तरह से आगे बढ़ती हैं और क्या वह हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को जीत दिलाने में सफल होती हैं।

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