देश – 400-500 घरों के टूटने का खतरा! दिल्ली में अब कहां चल सकता है बुलडोजर; विरोध करने पहुंचे सिसोदिया – #INA
राजधानी दिल्ली में एक और अवैध बस्ती पर बुलडोजर ऐक्शन का खतरा मंडरा रहा है। पुराने बारापूला ब्रिज के पास बसी मद्रासी बस्ती को दिल्ली सरकार के पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट ( PWD) ने खाली करने का नोटिस दिया है। इसके बाद यहां लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और जगह खाली करने को तैयार नहीं हैं। 400-500 झुग्गियों-घरों पर बुलडोजर ऐक्शन का डर सता रहा है। इस बीच दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मंगलवार को बस्ती में पहुंचे और एलजी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी बस्ती को टूटने नहीं देगी।
नए फ्लाइओवर के निर्माण के लिए मद्रासी कैंप को तोड़ने का प्रस्ताव है। PWD ने पिछले सप्ताह इसको लेकर नोटिस जारी किया था और लोगों को पांच दिनों के अंदर बस्ती खाली करने को कहा था। स्थानीय लोगों ने बस्ती खाली करने से इनकार करते हुए कहा है कि वह करीब 40 सालों से यहां रह रहे हैं और जब तक सरकार उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है वे घर छोड़कर नहीं जाएंगे।
प्रदर्शन के बीच बुधवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बस्ती में पहुंचे। उन्होंने नोटिस के लिए एलजी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह बस्ती टूटने नहीं देंगे। सिसोदिया ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी ने इस तरह का आतंक मचा रखा है। एलजी से कहकर अफसरों को डराते धमकाते हैं और फिर उनसे नोटिस दिलवाते हैं। मैं इन लोगों (मद्रासी कैंप के निवासी) से कहने आया हूं कि 50-60 साल से ये लोग रह रहे हैं, इनके बच्चों की शादियां यहां हुईं हैं। ऐसे नहीं उजाड़ सकते हैं लोगों को। कोई व्यवस्था किए बिना हम बस्ती को नहीं टूटने देंगे। इम इनके साथ खड़े हैं।’
पीटीआई के मुताबिक एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘हमें पांच दिन के भीतर बस्ती खाली करने को कहा गया है। हमारे पास सबूत है कि कब से यहां रह रहे हैं। हमने PWD से कहा है कि आप अपनी जगह ले लीजिए, लेकिन हमारे लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। हमारे परिवार हैं, हम कहां जाएंगे यदि हमारे घरों को तोड़ दिया गया।’ उन्होंने यह भी कहा कि कैंप से करीब 300 बच्चे पास के स्कूल में जाते हैं। बस्ती तोड़ दी गई तो उनकी पढ़ाई भी बंद हो जाएगी। एक अन्य निवासी ने कहा कि वह 35-40 सालों से यहां रह रहे हैं। अधिकतर परिवार तमिलनाडु से है। कुछ लोग अपने वोटर आईडी कार्ड दिखाते हैं जो 1990 के दशक के हैं।
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