देश – केजरीवाल ने पहले ही तैयार कर ली थी इस्तीफे की पटकथा, बस सही समय का था इंतजार; इनसाइड स्टोरी – #INA
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिनों के बाद इस्तीफा देने का ऐलान किया है। आम आदमी पार्टी के एमएलए विधायक दल के नेता का चयन करेंगे, जोकि नया मुख्यमंत्री बनेगा। सीएम पद की रेस में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत समेत कई नाम हैं। हालांकि, ज्यादा संभावनाएं आतिशी के अगले मुख्यमंत्री बनने की हैं। केजरीवाल ने रविवार को कहा कि जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं देती है, तब तक वह मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। केजरीवाल ने भले इस्तीफे का ऐलान आज किया हो, लेकिन पटकथा बहुत पहले ही तैयार कर ली थी।
‘आजतक’ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जब अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद थे, तभी उन्होंने इस्तीफा देने का मन बना लिया था। हालांकि, उन्होंने तय किया था कि उस समय इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि जेल से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे। केजरीवाल को पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है, जिसके बाद वे तिहाड़ से बाहर आए। इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जहां पर उन्हें इस्तीफे की बात बताई गई। केजरीवाल का नाम जब से शराब घोटाले में आया है, तभी से बीजेपी उनका इस्तीफा मांग रही थी।
जल्द चुनाव करवाने की भी मांग
इस्तीफे का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने चुनाव आयोग से जल्द चुनाव करवाने की भी मांग की। इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही दिल्ली का चुनाव भी करवाए जाने की मांग की गई। वहीं, दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल फरवरी तक है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए पत्नी सुनीता के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री और मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं। सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में पिछले महीने जमानत मिली थी। केजरीवाल ने कहा, ”मैं दो दिन बाद इस्तीफा दे दूंगा और लोगों से पूछूंगा कि क्या मैं ईमानदार हूं? जब तक वे जवाब नहीं देते, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।”
‘केजरीवाल ने आपदा में अवसर तलाशने में पीएचडी की है’
केजरीवाल की आलोचना करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ”आप के राष्ट्रीय संयोजक की घोषणा उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने की योजना का एक हिस्सा है… अरविंद केजरीवाल ने आपदा में अवसर तलाशने में पीएचडी की है।” पूनावाला ने केजरीवाल के इस कदम को पीआर एक्सरसाइज (चर्चा में रहने का हथकंडा) और ड्रामा (नाटक) करार दिया। उन्होंने कहा, “वह इस्तीफे का नाटक इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि अदालत ने उन्हें (आबकारी नीति घोटाला) मामले में बरी नहीं किया, बल्कि उन्हें सशर्त जमानत दी है, जिससे वह मुख्यमंत्री से नाममात्र के मंत्री बन गए हैं।”
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