Anant Chaturdashi 2024: मात्र एक धागा चमकाएगा आपका किस्मत, बन जाएंगे धनवान; बस अनंत चतुर्दशी पर करें ये उपाय #INA
Anant Chaturdashi 2024 Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) मनाया जाता है. अनंत चतुर्दशी को ‘अनंत चौदस’ के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में इस दिन का धार्मिक महत्व बहुत खास होता है क्योंकि यह दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का अंतिम दिन भी होता है. इसी दिन गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है. साथ ही, इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा कर सुख-समृद्धि और अनंत फल की कामना करते हैं. मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे 14 वर्षों तक अनंत फल की प्राप्ति होती है.
अनंत चतुर्दशी की तिथि और व्रत का समय
पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल अनंत चतुर्दशी का व्रत 17 सितंबर को व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और अनंत सूत्र धारण कर व्यक्ति अपनी समृद्धि और सुख-शांति की प्रार्थना कर सकता है. अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से न केवल विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में आने वाली कई कठिनाइयों का समाधान भी होता है.
अनंत सूत्र का महत्व और पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन ‘अनंत सूत्र’ बांधने का विशेष महत्व बताया गया है. यह सूत्र चौदह गांठों वाला होता है और इसे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा के बाद धारण किया जाता है. पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप कर इस सूत्र को जागृत किया जाता है. पुरुष इसे अपने दाहिने हाथ की बांह पर और महिलाएं बाएं हाथ की बांह पर बांधती हैं. यह सूत्र सुख-समृद्धि, वैभव और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए पहना जाता है.
सुख-समृद्धि के लिए खास उपाय
अनंत चतुर्दशी पर कुछ खास उपाय करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन अनंत सूत्र को धारण करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत रखने वाले को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे व्रत की पूर्णता में बाधा मानी जाती है. केवल फलहार और नमक रहित भोजन करना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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