देश – ज्वाइंट थियेटर कमांड लॉन्च होने के ठीक पहले दिल्ली में पहली बार शुरू होगा तीनों सेनाओं का 'फ्यूचर वारफेयर' कोर्स #INA
रिपोर्ट- मधुरेंद्र कुमार
भारत की तीनो सेनाएं एकीकृत थिएटर कमांड का मूर्त रूप लेने वाली हैं. इससे ठीक पहले 23 से 27 सितंबर 2024 तक दिल्ली में पहली बार तीनों सेनाओं के लिए “फ्यूचर वारफेयर” कोर्स का आयोजन किया जा रहा है. इस कोर्स की टाइमिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के साथ भविष्य का युद्ध हाइब्रिड, नॉन कॉन्टेक्टिंग और साइबर वॉर फेयर के स्वरूप में होगा.
सीडीएस समेत ये अधिकारी लेंगे भाग
इजरायल हमास युद्ध के बाद इजरायल हिजबुल्ला वॉर फेयर ने दुनिया के सामने भविष्य के युद्ध की एक झलक पेश की है. वहीं रूस और यूक्रेन युद्ध में भी होने वाले हवाई हमले, ड्रोन और यूएवी का घातक हमला भविष्य के युद्ध का स्वरूप दुनिया के सामने रख चुके हैं, जिसके लिए भारत को भी तैयार रहना होगा. यह कोर्स चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की पहल पर हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (HQ IDS) द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस पाठ्यक्रम में मेजर जनरल से लेकर मेजर रैंक के अधिकारी और अन्य सेवाओं के समकक्ष स्तर के अधिकारी भाग लेंगे.
उभरती तकनीकों के युद्ध पर प्रभावों को उजागर करेगा कोर्स
इस कोर्स का उद्देश्य अधिकारियों को आधुनिक युद्ध की संचालन और तकनीकी पहलुओं से परिचित कराना है. इसमें भविष्य के युद्ध के विविध स्वरूपों जैसे संपर्क, गैर-संपर्क, किनेटिक, नॉन-किनेटिक, मनोवैज्ञानिक या सूचनात्मक, साथ ही साइबर, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम जैसे नए डोमेन में युद्ध की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा, कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और हाइपरसोनिक्स जैसी उभरती तकनीकों के युद्ध पर प्रभावों को भी उजागर किया जाएगा.
‘फ्यूचर वारफेयर’ कोर्स की आवश्यकता क्यों?
तीनों सेनाओं के अधिकारियों के लिए ‘फ्यूचर वारफेयर’ कोर्स की आवश्यकता आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति, तकनीकी प्रगति, वैश्विक गतिशीलता और उभरते खतरों के कारण महसूस की गई है. यह कोर्स अधिकारियों को नई तकनीकों का उपयोग करने और नवीन रणनीतियों के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम बनाएगा. इसके माध्यम से एक संयुक्त, भविष्य की दिशा में अग्रसर और तकनीक-समृद्ध बल के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा, जो बदलते वैश्विक परिवेश में राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम हो. यह कोर्स अनुभवी और सेवारत विषय विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है. आने वाले समय में इस कोर्स की अवधि को बढ़ाया जाएगा, ताकि भारतीय सशस्त्र बलों को “फ्यूचर रेडी” बनाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.
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