Indian Railways: कवच 4.0 रेलवे की सुरक्षा को और मज़बूत करेगा, राजस्थान से कवच 4.0 की शुरुआत #INA
(रिपोर्ट- सैय्यद आमिर हुसैन)
भारतीय रेल का नाम सामने आते ही सुरक्षित सफ़र की बात सामने आती है लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई है जिससे रेल के सुरक्षित सफर पर सवाल खड़े होने लगे हैं यही वजह है की रेलवे ने देशभर में कवच सिस्टम इंसटाल करना शुरू कर दिए हैं.
कवच 4.0 सिस्टम क्या है?
भारतीय रेलवे ने यहां कवच 4.0 को स्थापित किया है जो ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम पर काम करता है और एक ही ट्रैक पर आ रही दो ट्रेनों को अलर्ट करता है और दुर्घटना होने से बचाता है.
कवच 4.0 का ट्रायल कहाँ से कहाँ तक
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण के लिए राजस्थान के सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक 36 किलोमीटर ट्रेन के लोको में सफर किया जहाँ उन्होंने नई तकनीक वाले कवच सिस्टम को समझा.
कवच लैंस प्रणाली से रेल हादसों में कैसे कमी आएगी?
यह एक डिवाइस है, जो ट्रेन के इंजन के अलावा रेलवे के रूट पर भी लगाई जाती है जिसमें दो ट्रेनों की टक्कर को रोकने का काम करता है और रफ्तार को नियंत्रित रखता है.सिग्नल पासिंग और डेंजर स्थिति को रोकता है आमने-सामने, पीछे से और साइड से टकराव की स्थिति का पता लगाकर रोकता है इसके साथ आमने-सामने आने से पहले 3 किलोमीटर पहले ट्रेन रुक जाएगी.
रेलवे को सुरक्षित करेगा कवच सिस्टम
कवच 4.0 ट्रायल से देश में रेलवे की सुरक्षा को और मज़बूत करने में सहायता मिलेगी ये एक ऐसी तकनीक है जो ठंड में कोहरे में भी काम करती है अगर एक ही ट्रैक पर दो ट्रेने हैं तो ये सिस्टम अलार्म बजाकर लोको पायलट को आगाह कर देता है और स्पीड को तेजी से कम करता है यही नहीं ट्रेन की स्पीड अगर 7 किलोमीटर प्रति घंटा से ज़्यादा हो तो ब्रेक खुद लग जाएंगे. कवच 4.0 के लिए ट्रैक पर ऑप्टिकल फाइबर को बिछाया जाता है.
कवच के लिए तैयारी
कवच के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाता है 36 किलोमीटर के इस रुट पर तैयारी की बात की जाए तो कवच 4.0 के लिए अभी तक 130 टावर लगाए गए हैं वहीँ 78 कवच भवन का निर्माण भी किया गया है साथ में 178 सिग्नलिंग इंटरफेस तैयार किया गया है. इसके आलावा 87 लोको कवच सिस्टम, 130 स्टेशन कवच यूनिट और 48 रिमोट इंटरफेस यूनिट को एक साथ जोड़ा गया है.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव परीक्षण के समय खुद ट्रेन में मौजूद
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव इस कवच 4.0 के ट्रायल में खुद मौजूद रहे और इस तकनीक को बारीकी से समझा.
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