देश- पहले किरीट रूठे, अब दावेदारों की मार्चाबंदी… महाराष्ट्र छोड़िए, मुंबई में ही फंस गई बीजेपी- #NA
चुनाव से पहले मुंबई में ही कैसे फंस गई है बीजेपी?
महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी बीजेपी की मुसीबत मुंबई में कम होने का नाम नहीं ले रही है. कद्दावर नेता किरीट सोमैया के नाराजगी की खबरों के बीच टिकट के कई दावेदारों ने मोर्चा खोल दिया है. मुंबई में विधानसभा की कुल 36 सीटें हैं, जो सरकार बनाने के लिए काफी अहम मानी जाती हैं.
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं, जहां बीजेपी गठबंधन का सीधा मुकाबला कांग्रेस गठबंधन से है.
बीजेपी से किरीट सोमैया चल रहे नाराज
पूर्व सांसद और मुंबई बीजेपी के कद्दावर नेता किरीट सोमैया पार्टी से नाराज चल रहे हैं. किरीट सार्वजनिक तौर पर इसे जाहिर भी कर चुके हैं. हाल ही में किरीट को बीजेपी ने महाराष्ट्र में प्रचार समिति का कॉर्डिनेटर नियुक्त किया था, जिसे किरीट ने लेने से इनकार कर दिया था.
कहा जा रहा है कि पार्टी में साइड लाइन किए जाने की वजह से किरीट नाराज चल रहे हैं. 2019 से ही किरीट को पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं मिला है. उद्धव ठाकरे की सरकार बनी तो किरीट काफी मुखर थे, लेकिन जैसे ही सरकार गिरी तो किरीट को साइड लाइन कर दिया गया.
किरीट को 2024 में टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया. मुंबई की राजनीति में बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच किरीट काफी लोकप्रिय हैं. किरीट को एक्टिविस्ट पॉलिटिशियन माना जाता है.
टिकट को लेकर दावेदारों ने खोला मोर्चा
मुंबई की कई सीटों पर दावेदारों ने टिकट को लेकर अभी से मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव के सामने कम से कम 4 ऐसी सीटें आई हैं, जहां पार्टी के ही दिग्गज नेता एक-दूसरे से खिलाफ ही बगावत करने को तैयार हैं.
इनमें बोरिवली, घाटकोपर पूर्व, विले पार्ले जैसी हॉट सीट शामिल हैं. उदाहरण के लिए घाटकोपर पूर्व से पूर्व मंत्री प्रकाश मेहता यहां के वर्तमान विधायक पराग शाह के बदले खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं. 2019 में प्रकाश का टिकट काटकर पराग को दे दिया गया था.
प्रकाश मेहता उस वक्त चुप रह गए थे, लेकिन अब टिकट को लेकर मजबूत दावेदारी कर रहे हैं. इसी तरह का हाल बोरिवली और विले-पार्ले सीट की है.
एनसीपी की दावेदारी ने भी टेंशन बढ़ाई
2019 में बीजेपी मुबंई की 36 में से 16 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. बाकी के 20 सीटों पर शिवसेना ने उम्मीदवार उतारे थे. इस बार इन 36 सीटों पर तीन पार्टियों का दावा है. वहीं अजित पवार की पार्टी तो उन सीटों पर दावा कर रही है, जिस पर बीजेपी पिछली बार चुनाव लड़ी थी.
अजित गुट की डिमांड अगर मान ली जाती है, तो इसका सीधा असर उन दावेदारों पर होगा, जो पिछली बार बीजेपी के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरे थे.
मुंबई में विधानसभा की कुल 36 सीटें हैं और 2019 में यहां की 32 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी. सबसे ज्यादा 17 सीटों पर शिवसेना को जीत मिली थी.
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