देश – लेबनान में चढ़ाई इजरायल पर भारी न पड़ जाए! 18 साल पहले हिजबुल्लाह के गुरिल्लाओं ने ऐसे छकाया – #INA
इजरायली सेना ने आज से दक्षिणी लेबनान के गांवों में जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं। इससे पहले इजरायली फौज ने लेबनानवासियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जितना जल्दी हो सके, निकल जाएं। हम जल्द ही बताएंगे कि तुम घर कब तक वापसी करोगे। इजरायल ने इस चेतावनी के साथ ही लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर जमीनी आक्रमण शुरू कर दिया है। इजरायल का यह कदम हफ्तेभर में हवाई हमलों के दौरान 1000 लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद शुरू हुआ है। इसमें हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह समेत दर्जनों कमांडर और सैकड़ों आतंकी शामिल हैं। लेबनान में चढ़ाई इजरायली सेना के लिए आर-पार की लड़ाई है। इसलिए भी अहम है, क्योंकि 18 साल पहले ऐसी ही कोशिश में उसे मुंह की खानी पड़ी थी। हिजबुल्लाह की गुरिल्ला फौज ने इजरायली सेना को चौंका दिया था।
2006 में हिजबुल्लाह की गुरिल्ला फौज के आगे नाकाम रहने के बावजूद इजरायली फौज आज भी उसे हार नहीं मानती। हिजबुल्लाह और इजरायल दोनों ही 2006 लेबनान युद्ध में अपनी-अपनी जीत का दावा करते हैं। 34 दिनों तक चले उस युद्ध में इजरायली सेना लेबनानी में एक मील से आगे नहीं बढ़ पाई थी। हिजबुल्लाह की गुरिल्ला फौज के आगे वह उलझ गई। उसमें 121 इज़रायली सैनिकों की मौत हुई। हिजबुल्लाह ने कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलों से इजरायल के कई टैंक नष्ट कर दिए। हिजबुल्लाह को कमतर आंकना इजरायल पर भारी पड़ गया था।
2006 लेबनान वॉर में क्या हुआ था
2006 का लेबनान युद्ध 12 जुलाई को शुरू हुआ। शुरुआत हिज़्बुल्लाह ने सीमा पार से हमला करके शुरू किया। उसने पांच इजरायली सैनिकों का अपहरण किया और तीन को मार डाला। बदले में इजरायली फौज ने आंव देखा न तांव लेबनान में घुस गई। हिजबुल्लाह पहले ही जानता था कि इजरायल ऐसा कुछ करेगी। उसकी गुरिल्ला फौज पहले से तैयार थी और हुआ भी यही। इजरायली सेना को लेबनान में आगे बढ़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। युद्ध में मुंह की खाने के बाद तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने युद्ध के दौरान अपनी कमियों पर चर्चा की और कबूला कि सेना जमीनी अभियान के लिए तैयार नहीं थी। युद्ध के परिणाम का मूल्यांकन करने वाली कमेटी ने योजनाबद्ध तरीके से युद्ध न करने का आरोप लगाया और इसे गंभीर चूक माना।
इन असफलताओं के बावजूद, युद्ध आधिकारिक तौर पर 34 दिनों बाद अमेरिकी मध्यस्थता के चलते समाप्त हुआ। इज़रायल और हिजबुल्लाह दोनों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया। इज़रायल की सेना ने दावा किया कि उसने हिजबुल्लाह को काफ़ी नुकसान पहुंचाया था, जबकि हिजबुल्लाह के अपने दावे थे।
पिछली जंग से कितना सबक ले रहा इजरायल
2006 में बिना सोचे समझे लेबनान में चढ़ाई से सबक लेते हुए इजरायल ने इस बार बड़ा दांव चला है। इजरायली फौज ने पहले हिजबुल्लाह को काफी नुकसान पहुंचाया। हफ्तेभर तक चले हवाई हमलों में इजरायल की वायुसेना ने न सिर्फ नसरल्लाह को मार गिराया, बल्कि उसके कई कमांडरों को नर्क भेज दिया। इसके अलावा कई आतंकी भी मारे जा चुके हैं। इससे पहले पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक में कई हिजबुल्लाह कमांडरों की हत्या कर दी और सैकड़ों को अपंग कर दिया। इतना ही नहीं हवाई हमलों के बाद इजरायल ने यह भी दावा किया कि उसने दक्षिण लेबनान में हिजबुल्लाह के हथियार ठिकानों को भी नष्ट कर दिया है। हिजबुल्लाह ने लेबनान में आम लोगों के घरों में मिसाइलें और ड्रोन छिपा रखे थे, जिसे इजरायल ने बर्बाद कर दिया।
हिजबुल्लाह की कमर तोड़ने के बाद इजरायली सेना ने अब जमीनी आक्रमण शुरू किया है। उसे यकीन है कि अब हिजबुल्लाह उतनी ताकत से उसे जवाब नहीं दे पाएगा। इजरायली सूत्रों का कहना है कि जमीनी अटैक के अलावा लेबनान में हवाई हमले भी जारी रहेंगे, जो इजरायली जमीनी सेनाओं को कवर करेंगी। वहीं, हिजबुल्लाह ने ऐसा दावा किया है कि इजरायली फौज अभी लेबनान के भीतर नहीं घुसी है और ललकारते हुए कहा है कि उसके लड़ाके इजरायल से आमने-सामने की लड़ाई को तैयार हैं।
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