देश- महाराष्ट्र चुनाव: महायुति का महामंथन, सीट शेयरिंग समेत अघाड़ी को घेरने की बन रही रणनीति- #NA

महाराष्ट्र चुनाव पर चिंतन

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महायुति में सीट बंटवारे को लेकर इन दिनों महाराष्ट्र के दौरे पर है. कल उन्होंने बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से बातचीत की. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया. उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से बात की और उनसे प्रदेश की राजनीतिक स्थिति, सीट शेयरिंग, सीटों के बंटवारे में आ रही कठिनाइयों और फॉर्मूले पर चर्चा की.

इसके बाद उन्होंने आज महायुति के अन्य प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई. इस बैठक में उन्होंने सबसे पहले अजित पवार और उनके गुट के नेताओं से बात की. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, सुनील तटकरे और मंगलप्रभात लोढ़ा भी मौजूद हैं. बताया जा रहा है अमित शाह महायुति के तीनों नेताओं से चर्चा कर सीट समेत अन्य मुद्दों को भी अंतिम रूप देने में जुटे हैं.

सबसे पहले अजित गुट से वार्ता

सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने सबसे पहले अजित पवार से उन सीटों पर चर्चा कर रहे हैं जिन सीटों के लिए अजित गुट का दावा है. इस चर्चा के बाद अमित शाह शिंदे गुट से भी चर्चा करेंगे. तीनों नेताओं से चर्चा के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा. इसलिए इस बैठक पर सभी का ध्यान गया है.

जानकारी के मुताबिक अमित शाह की इस बैठक में तीन अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. इनमें सीट बंटवारे के फॉर्मूला के अलावा इलेक्ट्रोल मेरिट का मानदंड तय करना भी है. अजित पवार ने पहले कहा था कि अगर किसी सीट पर किसी पार्टी का मौजूदा विधायक है लेकिन उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं है और वहां महायुति में शामिल किसी अन्य पार्टी का उम्मीदवार जीत सकता है तो उन्होंने उसे टिकट देने का फैसला किया जाना चाहिए.

छोटे दलों को कितनी सीटें?

आज की बैठक में इस पर भी फैसला होने की संभावना है. इसके अलावा बैठक में एक और मुद्दा उठने की भी संभावना जताई जा रही है. वह है अन्य छोटे दलों की कितनी सीटें दी जाए. यहां इस बात पर भी चर्चा होगी कि क्या महायुति में शामिल अन्य छोटे दलों को आखिर सीटें दी जानी चाहिए या हर पार्टी को अपने सहयोगी दलों को सीटें देनी चाहिए.

लाड़ली बहन योजना का प्रचार प्रसार

इस बैठक में सीटों के बंटवारे के अलावा चुनावी रणनीति के भी तय होने की संभावना है. इस रणनीति में नेताओं को लोगों के बीच और घर-घर जाकर समझाने पर भी जोर दिये जानी की संभावना है. उम्मीद है कि लाड़ली बहन योजना जैसी जनता से जुड़ी योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए विशेष रणनीति बनायी जायेगी. यहां तक कि नए मतदाताओं और महाविकास अघाड़ी के पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को महायुति से कैसे जोड़ा जाएगा, इसकी भी रणनीति बनाई जाएगी.

कभी भी तारीखों का ऐलान

चुनाव आयोग ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के हालात, मतदाताओं और आयोग की ओर से किए गए इंतजामों की जानकारी दी है. आयोग ने साफ कर दिया है कि राज्य में 26 नवंबर से पहले चुनाव करा लिए जाएंगे. लिहाजा चुनाव आयोग की इस जानकारी के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां काम में जुट गई हैं.

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