देश – जब साही सम्मान में शरीक नहीं हुए रतन टाटा, उनके इस निर्णय से प्रभावित थे किंग चार्ल्स; क्या थी वजह – #INA

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। 86 साल की उम्र में उनका निधन न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। रतन टाटा ने अपनी जिंदगी में केवल व्यापार में ही नहीं, बल्कि समाज सेवा और पशु कल्याण के क्षेत्र में भी अद्वितीय योगदान दिया। उनके प्रति लोगों का सम्मान और प्रेम इस बात से भी स्पष्ट होता है कि वह केवल भारत का गर्व नहीं थे बल्कि एक ऐसी शख्सियत थे जिन्हें दुनिया भर में सराहा जाता था।

रतन टाटा की दयालुता और करुणा की मिसालें कई बार देखने को मिलीं। एक विशेष घटना ने उनकी मानवता तब और निखर कर सामने आई जब उन्होंने अपने बीमार कुत्ते के साथ रहने के लिए एक शाही पुरस्कार समारोह से दूरी बनाने का निर्णय लिया। यह घटना वर्ष 2018 की है जब उस समय के प्रिंस ऑफ वेल्स किंग चार्ल्स III ने रतन टाटा को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ से सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया था। बकिंघम पैलेस में आयोजित इस समारोह में टाटा ने भाग लेने के लिए पहले सहमति जताई, लेकिन समारोह से कुछ दिन पहले उनके प्यारे पालतू कुत्ते की तबीयत बिगड़ गई।

यह दिल को छू लेने वाली कहानी व्यवसायी सुहेल सेठ द्वारा साझा की गई थी। सेठ ने बताया कि जब वह इस कार्यक्रम के लिए लंदन पहुंचे, तो उन्हें रतन टाटा से 11 मिस्ड कॉल मिली। जब उन्होंने कॉल का जवाब दिया, तो टाटा ने कहा कि उनका कुत्ता गंभीर रूप से बीमार है और वह उसे छोड़कर नहीं जा सकते। सेठ के आग्रह के बावजूद, टाटा ने अपने प्यारे पालतू जानवर की देखभाल के लिए शाही सम्मान को छोड़ने का निर्णय लिया। रतन टाटा के इस निर्णय ने किंग चार्ल्स को प्रभावित किया। उनके इस निर्णय पर चार्ल्स ने कहा, “यही एक आदमी है। यही रतन हैं। यही कारण है कि टाटा हाउस इतना महान है और हमेशा सफल रहता है।”

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