देश – सत्ता में बैठे लोगों से सच बोलने का साहस रखते थे रतन टाटा, मनमोहन सिंह ने लिखा पत्र – #INA

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर बृहस्पतिवार को दुख जताया और कहा कि वह सत्ता में बैठे लोगों के सामने सच बोलने का साहस रखते थे। मनमोहन सिंह ने टाटा समूह के प्रमुख एन चंद्रशेखरन को पत्र लिखकर संवेदना प्रकट की। टाटा समूह के पूर्व प्रमुख रतन टाटा ने बुधवार रात मुंबई में अंतिम सांस ली। वह 86 वर्ष के थे।

मनमोहन सिंह ने पत्र में कहा, ‘‘भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा जी के निधन से गहरा दुख हुआ। वह कारोबार जगत के एक आदर्श व्यक्तित्व से कहीं अधिक थे। उनकी दूरदर्शिता और मानवता उनके जीवन के दौरान स्थापित और पोषित कई परमार्थ कार्यों में दिखी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनमें सत्ता में बैठे लोगों से सच बोलने का साहस था। मेरे पास कई मौकों पर उनके साथ बहुत करीब से काम करने की सुखद यादें हैं।’’ पूर्व प्रधानमंत्री का कहना था, ‘‘मैं इस दुखद घड़ी में अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।’’

दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा अपनी शालीनता और सादगी के लिए मशहूर थे लेकिन वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। वह 30 से ज्यादा कंपनियों के कर्ताधर्ता थे जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं लेकिन उन्होंने अपना जीवन एक संत की तरह जीया।

रतन नवल टाटा ने बुधवार की रात 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। सरल व्यक्तितत्व के धनी टाटा एक कॉरपोरेट दिग्गज थे, जिन्होंने अपनी शालीनता और ईमानदारी के बूते एक अलग तरह की छवि बनाई थी।

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