देश- Operation Clean Out: जम्मू-कश्मीर से होगा आतंकियों का सफाया, ऐसे रोकी जाएगी घुसपैठ- #NA
आतंकियों के खिलाफ सेना का ‘ऑपरेशन क्लीन आउट’
जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने के बाद और राज्य सरकार का गठन होने के बाद से ही आतंकवादी घटनाओं में लगातार तेजी देखी जा रही है. ऐसे में आर्मी और स्थानीय सुरक्षाबल मिलकर आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन आउट चला रहे हैं. डिफेंस सूत्रों के हवाले से सूचना मिली है कि इस समय जम्मू-कश्मीर के नौ जिलों में 40 स्थानों पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं. इसका उद्देश्य क्षेत्र में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे आतंकवादियों का सफाया करना है.
ऑपरेशन क्लीन आउट में भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू पुलिस शामिल हैं. इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए आर्मी की 16 कोर पूरी तरह से तैयार है. खुफिया रिपोर्टों से जानकारी मिली है कि लगभग 60 से 70 आतंकवादी LOC के पास लॉन्च पैड पर तैनात हैं. ये सभी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के लिए घात लगाकर बैठे हुए हैं. डिफेंस सूत्रों से जानकारी मिली है कि 50 से 60 आतंकवादी पहले ही इन इलाकों में घुसपैठ कर चुके हैं और जम्मू के भीतरी इलाकों में सक्रिय हो चुके हैं.
सेना के लिए बड़ी चुनौती
50-60 आतंकियों के घुसपैठ किए जाने के कारण आतंकियों के सफाए, घुसपैठ के रूट को डोमिनेट करना और भारत की सीमा में आतंकियों की कोशिशों को पूरी तरह से विफल करना फोर्सेज के लिए भी बड़ी चुनौती है. हालांकि, आतंकवादियों की साजिशों को नाकाम करने के लिए फौज ने अपनी व्यापक रणनीति बना ली है. इसके लिए आर्मी अखनूर, उधमपुर, सांबा और कठुआ जैसे सीमावर्ती इलाकों में गहन तलाशी अभियान भी चला रही है.
सुरक्षा बलों ने इन अभियानों को अंजाम देने के लिए आर्मी के ग्राउंड पर तैनात जवानों, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो को इस ऑपरेशन का हिस्सा बनाया है. इसके लिए फोर्सेज को जहां-जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है या वो इलाके जिनमें बीते दिनों आतंकी घटनाएं हुई हैं, उन्हें सेनिटाइज कर रही है.आतंकियों की तमाम एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए सेना की तरफ से अपने लोकल कॉन्टेक्ट्स को भी एक्टिव कर दिया है.
आतंकी संगठनों को नहीं मिल रहा है लोकल सपोर्ट
यहां पर ये गौर करने वाली बात है कि आतंकी संगठनों में घाटी में आतंकवाद फैलाने के लिए लोकल स्पोर्ट नहीं मिल रहा है. इसलिए पाकिस्तान से आतंकियों को घुसपैठ करनी पड़ रही है.
जम्मू कश्मीर में लोकल आतंकवादी क्षमताओं में गिरावट के बावजूद घुसपैठ लगातार हो रही है. ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए फोर्सेज कई रणनीति पर काम कर रही है. बीते दो साल के आंकड़े, जिनमें जम्मू कश्मीर में हुई कुल आतंकी घटनाओं की जानकारी है.
मारे गए लोगों का आंकड़ा:
साल 2023 में आतंकी घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या 134 रही
कुल 72 आत्मघाती हमले हुए
इनमें 12 नागरिक
33 सुरक्षा बल के जवान
87 आतंकी मारे गए.
साल 2024 में आतंकी घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या 112 रही
कुल 53 आत्मघाती हमले हुए
जिनमें 28 नागरिक
25 सुरक्षा बल के जवान
और 58 आतंकी मारे गए
हथियारों की बरामदगी
2023- 167
2024- 70
आतंकी घटनाओं के बाद की गई कुल गिरफ्तारी
2023- 248
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