देश- जम्मू कश्मीर मे चुनाव बाद घाटी में सक्रिय हुई बीजेपी, मेंबरशिप ड्राइव के जरिए हर जिले में 1 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य- #NA
कश्मीर में विधानसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद बीजेपी कश्मीर घाटी में एक बार फिर से सक्रिय हो गई है. पार्टी ने घाटी में चुनाव के बाद मेंबरशिप ड्राइव शुरू करने का निर्णय लिया है. पार्टी नेता अशोक भट्ट ने जानकारी दी कि उनका लक्ष्य हर जिले में 1 लाख लोगों को सदस्य बनाना है. मेंबरशिप पहले वर्चुअल और फिर ऑफलाइन तरीके से दिलाई जाएगी.
अशोक भट्ट ने बताया कि कश्मीर में पहले से ही 6 लाख कार्यकर्ता हैं.उसके बाद यह आंकड़ा 16 लाख के करीब पहुंंचा और अब इस मेंबरशिप कैंपेन के जरिए और बढ़ाना है. उन्होंने बताया कि घाटी के हर विधानसभा क्षेत्र में करीब 8,000 कार्यकर्ता बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
कश्मीर घाटी में कमजोर है बीजेपी
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीदों के मुताबिक सफलता नहीं मिली थी. पार्टी को उम्मीद थी कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद उसे घाटी में लाभ मिलेगा, लेकिन इसके उलट स्थिति रही. लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने घाटी में कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था.
विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का यही हाल रहा. बीजेपी ने महज 19 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, जबकि 28 सीटों पर पार्टी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा. विपक्षी दलों, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने तंज करते हुए कहा था कि बीजेपी को घाटी में उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, लेकिन पार्टी ने इसे रणनीतिक फैसला बताते हुए कहा था कि इस राजनीति के तहत ही इन सीटों को छोड़ा गया है.
विधानसभा चुनाव में हार का सामना
हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें, बीजेपी को 29 सीटें, कांग्रेस को 6 और पीडीपी को 3 सीटें मिलीं थीं.
वोट प्रतिशत के मामले में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी रही, उसे राज्य में 25.64 फीसदी वोट मिले, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को 23.43 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी ने जम्मू क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कश्मीर के 47 सीटों पर पार्टी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई, जिससे वह राज्य में बहुमत से दूर रही.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link