Sachin Tendulkar in politics: राजनीति में सचिन तेंदुलकर की धमाकेदार एंट्री? इस नेता के खिलाफ होंगा मुकाबला #INA
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, और इनमें से एक प्रमुख सीट है माहिम विधानसभा. इस सीट का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि यह शिवसेना भवन मातोश्री के पास स्थित है, जो उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के लिए एक अहम स्थान है. माहिम सीट पर इस बार मुकाबला बेहद हाईवोल्टेज हो गया है, और इसमें आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस चुनावी रण में पहली बार सचिन तेंदुलकर का नाम भी सामने आया, जब उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार महेश सावंत ने अमित ठाकरे को चुनौती दी.
माहिम सीट पर हाईवोल्टेज चुनावी लड़ाई
माहिम विधानसभा सीट पर इस बार तीन प्रमुख उम्मीदवार हैं. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे पहली बार चुनावी मैदान में हैं, और उनका मुकाबला शिवसेना शिंदे गुट के मौजूदा विधायक सदा सरवणकर और उद्धव ठाकरे गुट के नेता महेश सावंत से है. इन तीनों के बीच जबरदस्त संघर्ष चल रहा है, और माहिम का यह चुनावी मुकाबला राज्य भर में चर्चा का विषय बन चुका है.
उद्धव ठाकरे पर जोरदार हमला
राज ठाकरे ने हाल ही में अपने बेटे के लिए एक रैली आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे पर जोरदार हमला किया. इसके बाद महेश सावंत ने पलटवार करते हुए अमित ठाकरे को चुनौती दी. महेश ने कहा कि अमित ठाकरे अभी बचकाने हैं और उन्हें राजनीति विरासत में मिली है, जो हमेशा सफल नहीं होती. उन्होंने एक दिलचस्प उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे सचिन तेंदुलकर का बेटा क्रिकेट का महान खिलाड़ी नहीं बन सकता, वैसे ही नेता का बेटा भी खुद को सफल नेता नहीं बना सकता.”
महेश सावंत का पलटवार, “फर्जी नारा नहीं चलेगा”
महेश सावंत ने आगे कहा, “हमारी बातों में कोई फर्जी नारा नहीं चलेगा, क्योंकि माहिम के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि उनके लिए कौन उपलब्ध है. हमारी लड़ाई उन ताकतों से है जो समाज को बांटने का काम करती हैं.” माहिम में शिवाजी पार्क मैदान भी आता है, जहां प्रधानमंत्री मोदी की महागठबंधन के प्रचार के लिए सभा होने वाली है. महेश ने इसे लेकर कहा कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री से मुलाकात का मौका मिलता है, तो यह उनके लिए अच्छा संकेत होगा और उनकी जीत निश्चित है.
अमित ठाकरे पर निशाना
महेश सावंत ने अपने बयान में अमित ठाकरे को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा कि वे “अभी बचकाने हैं” और राजनीति में विरासत के नाम पर कुछ हासिल नहीं कर सकते. सावंत का यह बयान उन राजनीतिक झगड़ों की ओर इशारा करता है, जो महाराष्ट्र की राजनीति में ताजे हैं. उनका मानना है कि माहिम की जनता को उनकी सच्ची नीयत समझ में आ चुकी है और अब वे समाज को जोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े हैं.
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