भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा साझेदारी को नया आयाम: 'ऑस्ट्राहिंड 2024' अभ्यास संपन्न, जानिए दोनों देशों की रणनीति #INA

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सामरिक संबंधों को मजबूती देने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंड 2024’ आज पुणे के औंध स्थित विदेशी प्रशिक्षण केंद्र में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. यह अभ्यास न केवल दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का प्रतीक है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उनके बढ़ते रणनीतिक सामंजस्य को भी दर्शाता है. दोनों हीं देश क्वाड के अहम सदस्य हैं और क्वाड इंडो पेसिफिक में चीन की दादागिरी के सामने सबसे बड़ी दीवार बनकर खड़ा है.

भारत-ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक साझेदारी में नई ऊंचाई

भारत और ऑस्ट्रेलिया, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं, ने हाल के वर्षों में अपने द्विपक्षीय संबंधों में अभूतपूर्व प्रगति की है. सुरक्षा चिंताओं, क्षेत्रीय स्थिरता और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर उनकी साझी रणनीति ने दोनों देशों को करीब लाया है.
2020 में दोनों देशों के बीच साझेदारी को ‘समग्र रणनीतिक साझेदारी’ (Comprehensive Strategic Partnership) का दर्जा मिलने के बाद से रक्षा, कूटनीति और आर्थिक सहयोग के कई आयाम जुड़े हैं.

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना दोनों देशों की प्राथमिकता है. भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ऑस्ट्रेलिया की ‘इंडो-पैसिफिक रणनीति’ के तहत समुद्री सुरक्षा, क्षेत्रीय संप्रभुता और वैश्विक कानून के प्रति प्रतिबद्धता दोनों देशों को एकजुट करती है.

‘ऑस्ट्राहिंड 2024’ की मुख्य विशेषताएं

8 नवंबर से शुरू हुआ यह दो सप्ताह का अभ्यास, भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं के बीच समन्वय और सामूहिक संचालन क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित था.
19-20 नवंबर को आयोजित अंतिम अभ्यास में अर्ध-शहरी माहौल में विद्रोही बलों के खिलाफ संयुक्त सिम्युलेटेड ऑपरेशन का प्रदर्शन किया गया.
मुख्य गतिविधियों में शामिल थे:

अस्थायी ऑपरेटिंग बेस का निर्माण: सुरक्षा और योजना का सामूहिक अभ्यास.

हेलिबोर्न ऑपरेशन: चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में त्वरित सैनिक तैनाती.

*इंटेलिजेंस और निगरानी ग्रिड की स्थापना: उन्नत रणनीतियों का साझा प्रदर्शन*

बंधक बचाव अभियान: उच्च जोखिम वाले परिदृश्यों में सामरिक प्रतिक्रिया.

रणनीतिक महत्व

‘ऑस्ट्राहिंड 2024’ जैसे अभ्यास, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच केवल सैन्य संबंधों को ही नहीं, बल्कि उनके सामरिक दृष्टिकोण को भी सुदृढ़ करते हैं. यह अभ्यास न केवल पारस्परिक विश्वास को बढ़ावा देता है, बल्कि आतंकवाद-रोधी अभियानों और शांति अभियानों जैसे जटिल सुरक्षा मुद्दों से निपटने की तैयारी को भी दर्शाता है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने ‘क्वाड’ (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, और अमेरिका) जैसे बहुपक्षीय मंचों में भी अपने सहयोग को मजबूत किया है. यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के उनके साझा प्रयासों का हिस्सा है और वैश्विक स्तर पर शांति व स्थिरता के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.


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