सीजी – Pakistan's storm Asna: पाकिस्तान को तूफान से बचाएंगे ये सूफी संत, क्या चक्रवात आसना से बच जाएगा कराची? #INA
Pakistan’s storm Asna: अरब सागर के तट पर बसा पाकिस्तान का दक्षिणी शहर कराची इस समय चक्रवात आसना के खतरे का सामना कर रहा है. शुक्रवार को रात भर हुई छिटपुट बारिश के बाद शहर में स्कूल बंद कर दिए गए और मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की. हालांकि, कराची के इतिहास में ऐसा कई बार हुआ है कि शहर पर चक्रवातों का खतरा मंडराया, लेकिन वे अंततः शहर को छू नहीं पाए. इस रहस्यमय बचाव को कई भक्त शहर के संरक्षक संत अब्दुल्ला शाह गाजी की कृपा मानते हैं जिनकी दरगाह कराची में स्थित है. भक्तों का विश्वास है कि गाजी की दैवीय शक्ति कराची की रक्षा करती है और उसे चक्रवातों से बचाती है.
आने वाला है चक्रवात आसना (Cyclone Asna)
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अरब सागर से उत्पन्न हो रहा एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात पाकिस्तान से टकरा सकता है, जिसे आसना नाम दिया गया है. भारत के गुजरात के कच्छ के रण क्षेत्र के ऊपर एक गहरा दबाव बना है, जो धीरे-धीरे पाकिस्तान की ओर बढ़ रहा है. कराची से 200 किमी दूर इस चक्रवात के और भी गंभीर रूप लेने की आशंका है. मौसम विभाग ने गुरुवार रात कराची के कुछ क्षेत्रों में 147 मिमी बारिश दर्ज की. विशेषज्ञों के अनुसार अगर यह चक्रवाती तूफान आता है तो यह 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर से उठने वाला पहला बड़ा तूफान होगा.
अब्दुल्ला शाह गाजी की दैवीय विरासत (Sufi saint Abdullah Shah Ghazi)
कराची के लोग मानते हैं कि उनकी दरगाह आज भी शहर की रक्षा करती है और हर बार चक्रवात आने से पहले शहर को सुरक्षित करती है. ऐसा कहा जाता है कि गाजी का जन्म सऊदी अरब के मदीना में हुआ था, हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि वे इराक से आए थे. अब्दुल्ला शाह गाजी एक सूफी संत थे, जो 8वीं शताब्दी में कराची में आकर बस गए. गाजी के इतिहास को लेकर भले ही अलग-अलग मत हों लेकिन यह माना जाता है कि वे अपने भाई सैयद मिस्री शाह के साथ अरब से आए और सिंध प्रांत में बस गए.
एक कहानी के अनुसार एक बार कुछ मछवारे इसी तरह एक चक्रवाती तुफान में समुद्र में फंस गए. तब उस चक्रवात को शांत करने के लिए सूफी संच अब्दुल्ला शाह गाजी ने अपने कटोरे में पानी को भर लिया. कहा जाता है कि जैसे ही उन्होने कटोरे में पानी भरा वैसे ही तूफान शांत हो गया. तब से उनके भक्तों का उन पर असीम विश्वास है. गाजी की हत्या सिंध के जंगलों में घात लगाकर की गई थी और उनके समर्थकों ने उन्हें एक रेतीली पहाड़ी पर दफनाया जो आज कराची के क्लिफ्टन इलाके में स्थित है. यही वजह है कि पाकिस्तान के लोग मानते हैं कि उनके यहां इन्ही सूफी संत के आशीर्वाद से कोई तूफान नहीं आ सकता.
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