सीजी – झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय पर भ्रष्टाचार का आरोप, विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ी मुश्किलें #INA
FIR Against Saryu Roy: झारखंड के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते हुए रांची पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. यह मामला उनके खाद्य और सार्वजनिक आपूर्ति मंत्री रहने के दौरान आहार पत्रिका के प्रकाशन में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है. वहीं सरयू राय उनके तत्कालीन निजी सचिव आनंद समेत तीन अन्य लोगों पर 3 करोड़ 38 लाख रुपये से अधिक की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है.
आरोप और एफआईआर का ब्योरा
आपको बता दें कि रांची निवासी मनोज सिंह ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने सरयू राय और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. शिकायतकर्ता के अनुसार, 3,38,26,473 रुपये की वित्तीय अनियमितता की गई है. पुलिस ने रांची के अरगोड़ा थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है. गौरतलब है कि सरयू राय के खिलाफ यह एफआईआर ऐसे समय में दर्ज की गई है जब झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, जिससे यह मामला और भी महत्वपूर्ण हो गया है.
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पहले भी हुए हैं आरोपों के घेरे में
वहीं आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इससे पहले रांची के डोरंडा थाने में भी उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने पहले ही संज्ञान लेते हुए सरयू राय को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी थी. इन आरोपों और कानूनी प्रक्रियाओं के बीच, आगामी चुनावों में सरयू राय की स्थिति को कमजोर करने की आशंका जताई जा रही है.
जदयू में हाल ही में हुए शामिल
सरयू राय हाल ही में जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल हुए थे। पटना में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। इससे पहले, सरयू राय भारतीय जन मोर्चा नामक एक पार्टी चला रहे थे। जदयू में शामिल होने के बाद, राय की राजनीति में सक्रियता और बढ़ी थी, लेकिन अब उनके खिलाफ एफआईआर से उनका राजनीतिक भविष्य कुछ अनिश्चित सा लगने लगा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और प्रभाव
साथ ही आपको बता दें कि सरयू राय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे हैं और 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव तक झारखंड-बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेताओं में से एक थे. उन्होंने रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री के रूप में कार्य किया. हालांकि, 2019 के चुनावों से पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
आगामी चुनावों पर असर
इसके अलावा आपको बता दें कि झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और एफआईआर राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखे जा रहे हैं. उनकी राजनीतिक छवि पर इस घटना का गहरा असर हो सकता है, खासकर जब चुनावी माहौल गरमाया हुआ है.
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