सीजी- Raipur News: सेवानिवृत्त हुए निरीक्षक-उपनिरीक्षक और तीन प्रधान आरक्षक, पुलिस विभाग ने दी अधिकारियों को विदाई – INA
पुलिस विभाग में लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को विदाई दी गई। एक निरीक्षक (एम), एक उपनिरीक्षक और तीन प्रधान आरक्षकों सेवानिवृत्त हुए हैं, जिन्हें रायपुर एसएसपी डॉ. संतोष कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कीर्तन राठौर और रक्षित निरीक्षक वैभव मिश्रा ने सभी पुलिस अधिकारियों की सेवा की सराहना करते हुए उनके भावी जीवन की शुभकामनाएं दिए।
सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों में निरीक्षक(एम) सविता बनवासी, उपनिरीक्षक अनुपसाय, प्रधान आरक्षक महेश कुमार वर्मा अमृतलाल प्रधान और महिला प्रधान आरक्षक सुल्ताना जुबेदा शामिल हैं। निरीक्षक (एम) सविता बनवास वर्ष 1981 में पुलिस विभाग में सउनि (अ) के पद पर जिला रायपुर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय रायपुर में सेवा देते हुए सेवानिवृत्त हुए इस दौरान पुरे सेवा काल में दो पदोन्नती प्राप्त कर 43 वर्ष की सफर तय किया जो अत्यंत सराहनीय है।
उपनिरीक्षक अनुपसाय वर्ष 1988 में पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जिला-सरगुजा में भर्ती होकर थाना प्रेमनगर, लुडरा, मैनपाट, गरिमा, जिला दुर्ग , तुमगांव, जिला रायपुर – थाना खरोरा में सेवा देते हुए सेवानिवृत्त हुए इस दौरान पुरे सेवा काल में तीन पदोन्नती प्राप्त कर 36 वर्ष की सफर तय किया जो अत्यंत सराहनीय है।
प्रधान आरक्षक महेश कुमार वर्मा वर्ष 1988 में पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जिला-रायपुर में भर्ती होकर थाना-बलौदा बाजार, सुहेला, तिल्दा नेवरा, सिविल लाईन, खम्हारडीह, खरोरा, आरंग एवं पुनः तिल्दा नेवरा में सेवा देते हुए सेवानिवृत्त हुए इस दौरान पुरे सेवा काल मे एक पदोन्नती प्राप्त कर 36 वर्ष की सफर तय किया जो अत्यंत सराहनीय है।
प्रधान आरक्षक अमृत लाल प्रधान वर्ष 1984 में पुलिस विभाग में बैण्ड आरक्षक के पद पर जिला-रायपुर में भर्ती होकर गरियाबंद, प्रथम बटालियन भिलाई, टिकरापारा, डी.डी.नगर एवं रक्षित केन्द्र रायपुर में सेवा देते हुए सेवानिवृत्त हुए इस दौरान पुरे सेवा काल मे एक पदोन्नती प्राप्त कर 40 वर्ष की सफर तय किया जो अत्यंत सराहनीय है।
महिला प्रधान आरक्षक सुल्ताना जुबेदा वर्ष 1983 में पुलिस विभाग में महिला आरक्षक के पद पर जिला-रायपुर में भर्ती होकर पुलिस कंट्रोल रूम, पी.टी.एस. माना, बलौदाबाजार, मैनपुर, अजाक, सी.एम. हाउस, रक्षित केन्द्र एवं धरसींवा में सेवा देते हुए सेवानिवृत्त हुए इस दौरान पुरे सेवा काल मे एक पदोन्नती प्राप्त कर 41 वर्ष की सफर तय किया जो अत्यंत सराहनीय है।