CG- Chhattisgarh: तेज आवाज में बज रहा था DJ, युवक के दिमाग की नस फटी, अस्पताल में भर्ती- #INA
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से डीजे की आवाज से एक युवक के सिर की नस फट जाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. डीजे की आवाज से नस फटने के बाद खून का थक्का जम गया. युवक को इलाज के लिए युवक को अम्बिकापुर जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस तरह का मामला सामने आने के बाद डॉक्टर भी हैरान रह गए. डॉक्टरों ने बताया कि डीजे की तेज आवाज के कारण नस फटने से युवक के सिर में खून का थक्का जम गया है. सिर में खून जमने की जानकारी होने के बाद युवक को बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया.
युवक को देखने के बाद डॉक्टरों ने उसके बारे में, उसकी पहली की बीमारियों के बारे जानकारी की. डॉक्टरों को परिजनों ने बताया कि युवक को ना ही कभी बीपी की समस्या थी और ना ही उसे कभी सिर पर गंभीर चोट लगी. जिसके बाद डॉक्टर हैरान रह गए. डॉक्टरों ने कहा कि डीजे की तेज आवाज में रहने के कारण युवक के सिर की नस फट गई.
रिपोर्ट देख डॉक्टर हैरान रह गए
बलरामपुर जिले के चलगली के रहने वाले संजय जायसवाल चक्कर व उल्टी की शिकायत पर ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता के पास इलाज करने पहुंचा था. प्रारंभिक जांच में युवक के बीमारी का कारण पता नहीं चलने पर डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने मरीज को सीटी स्कैन कराने की सलाह दी. युवक ने जब अपना सीटी स्कैन कराया तो टेक्नीशियन भी हैरान हो गए. युवक के सिर में खून का थक्का जमा हुआ था. ऐसे में उन्होंने घटना की जानकारी चिकित्सक को दी. सूचना मिलने पर चिकित्सक ने युवक व उसके परिजन से पूछताछ की. इस दौरान युवक ने चिकित्सक को बताया कि उसे बीपी की बीमारी नहीं है और ना ही उसका कोई झड़गा हुआ. वह कभी गिरा भी नहीं है जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आए हो.
तेज आवाज के कारण फटी सिर की नस
डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि 60 से 70 डेसीबल तीव्रता की ध्वनि मानव शरीर के लिए उपयुक्त है लेकिन इसके बाद 85 डेसीबल से ऊपर की ध्वनि के कारण गंभीर परिणाम सामने सकते हैं. 85 डेसीबल की ध्वनि तीव्रता लगातार कान में पड़ने से सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है. इसके साथ ही स्वाभाव में चिड़चिड़ापन, उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, लकवा, अनिद्रा, भूलने की बीमारी व एल्जाइमर्स की बीमारी होने की संभावना रहती है.
डीजे पर रोक की मांग
डॉक्टर ने कहा कि मरीज की जांच और उससे बात करने पर समझ आया है कि डीजे की तेज ध्वनि के कारण उसे ब्रेन हेमरेज हुआ है. डीजे या कोई भी साउंड अत्यधिक तेज आवाज में बजाया जाता है तो उसका बुरा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है. इससे पहले भी डीजे की तेज आवाज से बहरेपन व अन्य बीमारियों के मरीज आए हैं. वहीं इस समस्या को लेकर एसपी से मुलाकात की गई है और ध्वनि प्रदूषण पर पहल करने की मांग की है.
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