बालोद जिले के सभी नगरीय निकायों में काम करने वाले प्लेसमेंट कर्मचारी अचानक तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। शहर के नए बस स्टैंड परिसर में संयुक्त रूप से वह धरने पर बैठे हुए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्होंने कोरोना के संक्रमण काल में भी निस्वार्थ भाव से काम किया, लेकिन जो सुविधा उन्हें मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही हैं। इसलिए उनकी तीन सूत्रीय प्रमुख मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है।
प्लेसमेंट और अनियमित कर्मचारियों ने बताया कि कि वो पिछले 10 से लेकर 20 सालों से यहां काम कर रहे हैं। बावजूद इसके उनकी मांगों पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ठेका प्रथा के तहत होने वाले वेतन भुगतान को समाप्त किए जाने की मांग की है। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि उनके हितों की रक्षा की जानी चाहिए। धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि उनसे बातचीत के लिए अभी तक कोई भी कदम विभाग की ओर से नहीं उठाया गया है।
ये हैं मांगें
. प्रथा को बंद किया जाए।
. दस सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित किए जाए।
. श्रम सम्मान निधि के रुप में हर महीने चार हजार दिए जाएं।
. वेतन का मूल भुगतान सीधे नगरीय निकाय के जरिए खाते आए।
चरमरा गई व्यवस्था
कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से बालोद सहित जिले के अन्य नगरीय निकाय क्षेत्रों में व्यवस्थाएं चरमर आ गई है। कर वसूलने से लेकर पेयजल सप्लाई और अन्य आधार संबंधित सारे कार्य इन सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है, फिर भी अभी शासन और प्रशासन की तरफ से कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं आया है।
Credit By Amar Ujala