मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:कांवड़ रूट में दुकानों पर नाम लिखने के फैसले पर रोक; NEET के एक सवाल की जांच होगी; बिहार को विशेष दर्जा नहीं

नमस्कार, कल की बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की रही, जिसमें कहा गया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले दुकानों पर नाम लिखना जरूरी नहीं है। एक खबर बजट से एक दिन पहले पेश हुए इकोनॉमिक सर्वे की रही, जिसके मुताबिक देश के सिर्फ 51% युवा ही रोजगार योग्य हैं। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें… 1. कांवड़ रूट की दुकानों पर नेम प्लेट जरूरी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार का फैसला पलटा सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है। साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है। दरअसल, तीनों राज्यों में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकान मालिकों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि होटल चलाने वाले यह बता सकते हैं कि वह किस तरह का खाना (शाकाहारी या मांसाहारी) परोस रहे हैं। उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। किसने याचिका लगाई थी: एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के NGO ने 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की पहचान के जरिए उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है। यह चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट में मामले पर 26 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। क्या है पूरा मामला: UP सरकार ने 19 जुलाई को आदेश दिया था कि कांवड़ यात्रा के रूट की दुकानों, होटलों और ढाबों में मालिक अपना और स्टाफ का नाम लिखवाएं, ताकि कांवड़ियों में कन्फ्यूजन न हो। सरकार का कहना था कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया। UP के बाद 20 जुलाई को उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी कांवड़ यात्रा रूट पर आने वाली दुकानों में दुकानदारों का नाम और मोबाइल नंबर लिखना जरूरी कर दिया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद MP सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है, उनकी ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है।
पूरी खबर यहां पढ़ें… 2. इकोनॉमिक सर्वे- देश के 51% युवा ही रोजगार योग्य, GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। इसके मुताबिक, देश की 65% आबादी 35 वर्ष से कम है। इनमें से कई लोगों के पास जरूरी स्किल का अभाव है। फिलहाल सिर्फ 51.25% युवा ही रोजगार योग्य है। इंडियन इकोनॉमी को बढ़ती वर्कफोर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2030 तक सालाना 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP ग्रोथ 6.5 से 7% रहने का अनुमान लगाया गया है। इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी 6 बड़ी बातें… पूरी खबर यहां पढ़ें… 3. NEET के विवादित सवाल की जांच होगी, SC ने कहा- IIT दिल्ली के डायरेक्टर एक्सपर्ट पैनल बनाएं NEET में गड़बड़ी को लेकर दाखिल 40 से भी ज्यादा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने एग्‍जाम में फिजिक्स के 2 सही ऑप्शन वाले क्वेश्चन नंबर 19 की पड़ताल का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 2 सही ऑप्‍शन देने से 44 स्‍टूडेंट्स को बोनस मार्क्‍स मिले और 4.2 लाख कैंडिडेट्स को नुकसान हुआ है। हम IIT दिल्ली के डायरेक्टर से अनुरोध करते हैं कि 3 एक्सपर्ट्स की टीम बनाएं और इस विषय पर रिपोर्ट दें। एक सही ऑप्शन चुनकर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को राय भेजें। आज मामले की फिर सुनवाई होगी पूरी खबर यहां पढ़ें… 4. संसद में NEET मामले पर राहुल-धर्मेंद्र प्रधान में बहस, राहुल बोले- देश का एग्जामिनेशन सिस्टम फ्रॉड संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सहयोग की अपील की। मोदी ने कहा, ‘संसद के पहले सत्र में प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया गया।’ उधर, लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने NEET मुद्दे पर नारेबाजी की। प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई। राहुल ने कहा कि देश का एग्जामिनेशन सिस्टम फ्रॉड है। इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता। राहुल बोले- शिक्षा मंत्री जवाब नहीं दे रहे: राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को जवाब देना चाहिए था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और PM मोदी के बारे में बात की, लेकिन वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि वह इस पर क्या कर रहे हैं। NEET युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमने हमेशा संसद में चर्चा की मांग की है, लेकिन सरकार इसमें दिलचस्पी नहीं ले रही है। हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे।
पूरी खबर यहां पढ़ें… 5. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग खारिज, सरकार ने कहा- मानक के तहत ऐसा संभव नहीं केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग खारिज कर दी है। जदयू सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा राष्ट्रीय विकास परिषद यानी NDC के पैमानों के मुताबिक दिया जाता है। NDC के मानकों के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे पाना संभव नहीं है। RJD चीफ लालू यादव ने कहा कि अब नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए। 12 साल पहले भी मांग खारिज हो चुकी: वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘2012 में UPA सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की जरूरतों की स्टडी के लिए इंटर मिनिस्टीरियल ग्रुप (IMG) बनाया था। IMG ने 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि NDC के मानकों के आधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। विशेष राज्यों को 90% अनुदान, सस्ता कर्ज मिलता है: विशेष राज्य का दर्जा पाने वाले राज्यों को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में से 90% अनुदान और 10% रकम बिना ब्याज के कर्ज के तौर पर मिलती है। सामान्य राज्यों को केंद्र सरकार की तरफ से 30% राशि अनुदान के रूप में और 70% राशि कर्ज के रूप में दी जाती है। विशेष राज्यों को एक्साइज, कस्टम, कॉर्पोरेट, इनकम टैक्स में भी रियायत मिलती है। केंद्रीय बजट में प्लान्ड खर्च का 30% हिस्सा विशेष राज्यों को मिलता है।
पूरी खबर यहां पढ़ें… 6. सावन का पहला सोमवार: उज्जैन में महाकाल की सवारी निकली, काशी विश्वनाथ में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया उज्जैन में सावन के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी निकली। महाकाल ने श्रद्धालुओं को मनमहेश स्वरूप में दर्शन दिए। दोपहर 3 बजे तक 2.15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। उधर, वाराणसी में काशी विश्ननाथ मंदिर में शाम 8 बजे तक 2.69 लाख श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। सोमवार से शुरू और सोमवार को ही खत्म होगा सावन: इस साल सावन माह सोमवार (22 जुलाई) से शुरू हो रहा है और सोमवार (19 अगस्त) को ही खत्म होगा। तिथियां घटने से सावन महीना 29 दिन का रहेगा। 19 अगस्त को सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस महीने का पहला सोमवार 22 जुलाई को, दूसरा 29 को, तीसरा 5 अगस्त को, चौथा 12 को और पांचवां 19 अगस्त को रहेगा।
पूरी खबर यहां पढ़ें… 7. INS ब्रह्मपुत्र में आग लगी, एक तरफ झुका, नेवल डॉकयार्ड में मेंटेनेंस के समय हुआ था हादसा भारतीय नेवी के वॉरशिप INS ब्रह्मपुत्र के साथ हादसा हो गया। नेवी के मुताबिक, इस मल्टी रोल फ्रिगेट INS ब्रह्मपुत्र में 21 जुलाई की शाम मेंटेनेंस के दौरान आग लगी थी। डॉकयार्ड में तैनात फायर फाइटर्स की मदद से शिप के क्रू ने 22 जुलाई की सुबह आग पर काबू पाया। डॉकयार्ड की तरफ वाला शिप का हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो गया है और शिप एक तरफ झुक गया है। हादसे में एक सेलर लापता हो गया है, जिसकी तलाश जारी है। INS ब्रह्मपुत्र की खासियत: यह भारत में बना ‘ब्रह्मपुत्र’ क्लास का पहला गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। इसे अप्रैल 2000 में भारतीय नौसेना को शामिल किया गया था। यह 18.5 किमी/घंटे से ज्यादा की स्पीड से चलने में सक्षम है। 125 मीटर लंबे इस फ्रिगेट का वजन 5300 टन है।
पूरी खबर यहां पढ़ें… आज का कार्टून By मंसूर नकवी… कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… अब खबर हटके… 20 साल पुराने मामले में महिला को मुआवजा मिला, डॉक्टर्स ने रीढ़ में सुई छोड़ी कर्नाटक कंज्यूमर फोरम ने 20 साल पुराने एक मामले में महिला को 5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। दरअसल, बेंगलुरु के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने 2004 में एक महिला की सर्जरी की थी, इस दौरान उसकी रीढ़ की हड्डी में 3.2 सेमी लंबी सर्जिकल सुई छोड़ दी। इससे महिला को पेट और पीठ में दर्द होने लगा। 2010 में जांच के दौरान सुई का पता चला। महिला ने इसके खिलाफ कंज्यूमर फोरम में शिकायत की थी।
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यह पोस्ट सबसे पहले भस्कर डॉट कोम पर प्रकाशित हुआ हमने भस्कर डॉट कोम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है |

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